कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा कांग्रेस का सबसे कमजोर चेहरा प्रकाश जोशी भी हो गये शिकार

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(निकाय चुनावों में मेयर का सपना देख रहे कांग्रेसी नेताओं की खुली पोल)

(हिमांशु गावा की करनी को भुगतना प्रकाश जोशी ने भुगता)

(उत्तराखंड से कांग्रेस का सूपड़ा साफ ऊधम सिंह नगर कांग्रेस कमेटी के कप्तान का जहाज़ क्रेश)

ऊधम सिंह नगर – उत्तराखंड में कांग्रेस की स्थिति बद से बद्तर हों गई है,आलम यह है कि जहां एक तरफ कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनावों में अपनी साख खो दी, उसके बाद बची-खुची कसर लोकसभा चुनाव 2024 में जमीनों जद हो गई, काफी कोशिशों के बाद भी कांग्रेस इन लोकसभा चुनावों में अपना खाता तक नहीं खोल पाई,आलम यह हुआ कि कांग्रेस उत्तराखंड में औंधे मुंह गिर गई, कांग्रेस नव नियुक्त सुरमाओ ने जानबूझकर कांग्रेस को गरत में धकेल दिया, कांग्रेस पांचों लोकसभा सीटों पर बुरी तरह पराजित हो गई, इससे पहले कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार नसीब हुई थी,बाचीकुची कसर लोकसभा चुनाव में पूरी हो गई,अब कांग्रेस के सामने मुश्किल भरा दौर शुरू हो गया, आने वाले तीन महीनों के बाद राज्य में निकाय चुनावों होने जा रहे हैं, लेकिन इन चुनावों में भी कांग्रेस की दशा बेहद दयानिय होने की संभावना जताई जा रही है, कांग्रेस में ऊंचे ऊंचे पदों पर बैठे बे तजुर्बेकार नेताओं ने कांग्रेस की मिट्टी पलीत कर दी, इसके बावजूद भी उधम सिंह नगर में कांग्रेसियों ने बेहतर सबक नहीं लिया, माना जा रहा है आगमी निकाय चुनावों में कांग्रेस को बहुत बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

अपने बूथों पर भी पिछड़े कांग्रेसी

रुद्रपुर में निकाय चुनावों में मेयर की कुर्सी तक पहुंचने का भरसक प्रयास कर रहे कांग्रेसी नेता अपने स्थानीय बूथों से कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं करा सके, जहां जहां कांग्रेस के पार्षद नमित थे वहां से भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को बम्बर वोट मिले, इनमें सबसे पहले नाम आता है कांग्रेस के पार्षद मोहन खेड़ा का निगम का कार्यकाल पूरा होने के बाद मोहन खेड़ा मेयर की कुर्सी पर दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन अगर खेड़ा जैसे कांग्रेसी नेताओं ने अब भी सबक नहीं सीखा तो वो पार्षद बनने के भी लायक नहीं रहेंगे, स्थानीय वार्ड वासियों से भी मोहन खेड़ा का 36 का आंकड़ा भूरारानी के रहने वाले एम पी सिंह का कहना है कि पूर्व पार्षद ने अपने पद का फायदा उठाकर बहुत से लोगों को गुमराह किया है, उन्होंने बताया कि उन्होंने मोहन खेड़ा के खिलाफ उन्होंने एक एफ आई आर दर्ज कराई थी, जिसमें खेड़ा ने अपने पद का दबदबा बनाकर और कुछ कांग्रेसियों की मदद से उक्त एफआईआर से अपना नाम हटा दिया, इसके बाद उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पिटीशन दाखिल की है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा की कमज़ोर टीम ने चुनावी प्रचार प्रसार में दिखाई लापरवाही

ऊधम सिंह नगर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने कांग्रेस की कमान संभाली तो उसी समय से कांग्रेस का पतन शुरू हो गया, हिमांशु गावा ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को नजरंदाज कर नये चेहरों को अहमियत दी और पुराने कांग्रेसियों को दर किनार कर दिया, हमने पहले भी इस मामले खबर प्रकाशित की ओर प्रदेश नेतृत्व को आगाह किया था, हिमांशु गावा ने कांग्रेस जिला कार्यालय में बैठे कर कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी के लिए नाम मात्र चुनावी प्रचार किया, जबकि पूर्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा चुनावों में घर घर जाकर मतदाताओं को रिझाने का काम किया जाता था, लेकिन हिमांशु गावा ने चंद चेहतो को साथ लेकर कांग्रेस को बर्बाद करने मे कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी,जिषका नतीजा यह हुआ कि प्रकाश जोशी को रुद्रपुर से चंद वोटों पर तसल्ली करनी पड़ी और वह बुरी तरह हार गए।

सीपी शर्मा को दिया मेयर का टिकट तो फिर एक बार कांग्रेस चारों खाने चित हो सकती है

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा भी संगठन से मेयर का टिकट लेने की दौड़ में शुमार है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस फिर एक बार चारों खाने चित हो सकती है, हालांकि कांग्रेस की लिस्ट में मोहन खेड़ा, सीपी शर्मा और हिमांशु गावा से कही बढ़कर एक से एक धुरंधर बल्लेबाज हैं, जो कांग्रेस की टीम को अच्छों रनों से जीता सकते हैं।

तो क्या संगठन में होगा बदलाव

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेतृत्व को आने वाले निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए संगठन में बदलाव करना बेहद जरूरी है, मतलब साफ है कि जिला कांग्रेस कमेटी और महानगर कांग्रेस कमेटी मे कमजोर नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा कर मजबूत और तजुर्बेकार नेताओं को शामिल करना चाहिए।


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