जरा संभल कर इन आम चुनावों में कांग्रेस को मजबूत प्रत्याशी को टिकट देने की जरूरत है बीते दो बड़े चुनावों से सबक लेते कमजोर उम्मीदवारों को दर किनार करना होगा

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ऊधम सिंह नगर – (एम सलीम खान ब्यूरो) उत्तराखंड में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस कमेटी दो बड़े चुनावों में अपनी हार से तिलमिलाई हुई है और अब आम चुनाव सम्पन्न होने जा रहे हैं।

ऐसी स्थिति में कांग्रेस को अपने सशक्त उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतरने की जरूरत है और भारतीय जनता पार्टी अपनी चाणक्य नीति से कांग्रेस को परस्त करने में अब तक बहुत कामयाब हो चुकी है, तमाम कड़े विरोध के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में पुनः सरकार बनाईं जबकि माहौल पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में दिखाई दे रहा था।

लेकिन यह हार का कारण कांग्रेस के कमजोर उम्मीदवार बने और कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बुरी तरह शिकस्त खा बैठी उसके बाद लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई और भाजपा ने कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया, यहां बता दें कि उत्तराखंड में निकाय चुनावों का बिगुल बजा चुका है।

और यह आम चुनाव आने वाले बड़े चुनावों का रुख पलटने में अहम भूमिका रखते हैं ऐसे में कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतरने की भरसक कोशिश करनी चाहिए, अगर उत्तराखंड में निकाय चुनावों में कांग्रेस को फिर तीसरी बार हार का मुंह देखना पड़ा यक़ीनन कांग्रेस की बुनियादें उत्तराखंड से उखड़ जाएगी और कांग्रेस का बच शेष अस्तित्व पूरी तरह जमीनों जद हो जाएगा।

अगर बात करें जनपद ऊधम सिंह नगर की तो यहां कांग्रेस एक डूबता जहाज है और कांग्रेस के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने कांग्रेस को मजबूत करने में अहम भूमिका नहीं निभाई जिसके नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस को ऊधम सिंह नगर में आक्सीजन की जरूरत है और यह आक्सीजन अगर कांग्रेस को देने में कोई अहमियत दे सकता है तो ऐसे मजबूत चेहरे को मान्यता देने की जरूरत है अब तक जिन कांग्रेसियों की मेयर के दौड़ में नाम सामने आए हैं।

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अगर राजनीति तौर पर देखे तो उनका बर्चस्व नाम मात्र है और आम जनता में खासी पकड़ भी नहीं रखते हैं, ऐसे में कांग्रेस को मेयर सीट के लिए एक दमदार उम्मीदवार को मैदान उतरने की जरूरत है, इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस पार्टी में शामिल धुर्त नेताओं ने जमीनी स्तर के मुद्दों को लेकर कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाई, जिसके चलते कांग्रेस लगातार कमजोर पैरवी की तलबगार होती गई,अब अगर कांग्रेस को खुद को साबित करना है तो आम निकाय चुनावों में फूंक फूंक कर कदम रखना होगा।


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