वार्ड नंबर 27 में मझधार में फंसीं कांग्रेस अगर बहु को नहीं मिला टिकट तो क्या कांग्रेस को छोड़ देंगे अरशद खा/मदन शर्मा बड़ा सवाल

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रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) निकाय चुनाव 2024 में कांग्रेस में बड़े पैमाने पर टूट फूट हो सकती है, कांग्रेस बहुत से दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़कर अन्य किसी दल का दामन थाम सकते हैं, पिछले लंबे अर्से से कांग्रेस ऊधम सिंह नगर में सीक सीक कर दम भर रही वहीं निकाय चुनावों में कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किलों का दरिया भर रहा है।

और पद और कुर्सी का बर्चस्व खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, कांग्रेस में एक वार्ड से पांच पांच लोगों ने दावेदारी पेश कर दी है, और अगर इन्हें टिकट नहीं दिया गया तो निश्चित तौर पर कांग्रेस छोड़कर जाने का दौर शुरू हो जाएगा और कांग्रेस के पतन में चार चांद ओर लग जाएंगे, मोटे तौर पर अगर बात करें वार्ड नंबर 27 गांधी कालोनी को तो यह पार्षद पद को लेकर कांग्रेसी मे घमासान मचा हुआ है।

दर असल इस वार्ड से पिछले दस सालों से शर्मा परिवार काबिज है और इस बार वार्ड के स्थानीय लोगों ने बदलाव का मन बना लिया है, इस वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर सौरभ शर्मा ने मुस्लिम वोटर्स के दम पर चुनाव जीत और पांच साल तक पार्षद रहे हैं उनके बाद कांग्रेस ने इस वार्ड से फिर एक मुस्लिम समुदाय को नजर अंदाज करते पूर्व पार्षद सौरभ शर्मा की मां श्रीमती मधु शर्मा को पार्षद का टिकट थमा दिया कांग्रेस ने फिर इस बहुमूल्य मुस्लिम वार्ड से किसी मुस्लिम समाज के टिकट देने में गंभीरता नहीं दिखाई।

और मधु शर्मा एक बार फिर मुस्लिम वोटों के दम पर पार्षद निर्वाचित हुईं, लेकिन चुनाव जीतने के मधु शर्मा को किसी ने वार्ड वासियों की खैरियत लेते नहीं देखा और पूरे पांच साल तक पूर्व पार्षद सौरभ शर्मा उनके कामकाज को देखते रहे लेकिन यह तो कानून ठीक नहीं है जो वार्ड की जिम्मेदारी लें अगर वो ही गुमशुदा हो जाएं तो आने वाले नये चुनाव में उससे आम जनता को जवाब मांगना चाहिए, इस बार के निकाय चुनावों में वार्ड नंबर 27 में बड़ा परिवर्तन नजर आ रहा है,दर असल इसी वार्ड से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरशद खा की बहू जेबा खान ने कांग्रेस से दावेदारी पेश की और पूर्व पार्षद मधु शर्मा ने भी दावेदारी पेश कर दी है ऐसे में इस वार्ड से उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस बुरी तरह मझधार में फस गई है अगर कांग्रेस ने पूर्व पार्षद मधु शर्मा को टिकट दिया तो कांग्रेस नेता अरशद खा बागी हो जाएंगे और वो कांग्रेस छोड़कर किसी और दल में शामिल हो सकते हैं और अगर अरशद खा की बहू जेबा खान को कांग्रेस टिकट देती है सौरभ शर्मा बागी हो जाएंगे, लेकिन पिछले दस सालों से शर्मा परिवार इस वार्ड में काबिज हैं और अगर कांग्रेस इस बार किसी मुस्लिम महिला को अपना उम्मीदवार बनाती है तो उसके लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं होगा,यह एक बात और गौर करने वाली है मुस्लिम समाज का दम भरने वाली कांग्रेस का असली चेहरा इस सीट पर उम्मीदवार चायन के बाद पूरी तरह साफ हो जाएगा, कांग्रेस ने हमेशा कमजोर उम्मीदवारों को आम चुनाव में टिकट दिया है और जिन मुस्लिम चेहरे पर पार्षद पद पर दांव लगाया है उनकी मुस्लिम समाज में खासी पकड़ नहीं है इन मुस्लिम ठेकेदारों ने सिर्फ अपना भला किया है ऐसे में कांग्रेस को फिर एक बार बड़ा नुक़सान होने की संभावना जताई जा रही है इसी वार्ड से एक ओर मुस्लिम महिला पार्षद चुनाव में मैदान में हैं आबिदा ताहिर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेगी उनके खड़े होने से सीधे तौर पर कांग्रेस के वोटों का धुरविरोधी हो सकता है।

भारतीय जनता पार्टी से कौन होगा उम्मीदवार

वार्ड नंबर 27 गांधी कालोनी से अब तक भाजपा ने अपने पत्तों को शो नहीं किया है भाजपा अभी तक गड्डी पीस रही है शायद भाजपा कांग्रेस के उम्मीदवार के चयन का इंतजार कर रही है और उसी के बाद अपने उम्मीदवार का चयन करेगी, बीते निकाय चुनावों में भाजपा के टिकट से इस वार्ड में भाजपा नेता सुनील यादव की धर्मपत्नी मैदान में थी लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार मधु शर्मा ने उन्हें चुनाव हार दिया था।

लेकिन इस बार के चुनाव में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस का गेम पलट सकते हैं हा अगर अरशद खा की बहू जेबा खान को कांग्रेस अपना उम्मीदवार बना देगी तो कांग्रेस को सफलता हासिल होने के आसार बन सकते हैं, वहीं अगर अरशद खा कांग्रेस छोड़कर चले गए तो शायद उनकी बहु को भाजपा टिकट दे सकतीं फिलहाल वार्ड नंबर 27 में पार्षद चुनाव के समीकरण बदलते नजर आ रहे।


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