कांग्रेस के अपने ही सूरमा बिछा रहे कांटे अंदरुनी कलेस पर नहीं लग रही लगाम जाने होगा क्या?

ख़बर शेयर करे -

खास रिपोर्ट एम सलीम खान ब्यूरो

उत्तराखंड – चुनावी माहौल में कांग्रेस के लिए एक से बढ़कर एक घातक खबरें सामने आ रही है, कांग्रेस के ही चंद खानदानी लोग अपने ही संगठन के रास्ते में कांटे बिछाने का काम कर रहे हैं,जिसका नतीजा यह हो रहा है कि कांग्रेस में जहां फूट पड़ रही है तो वहीं अपने नसीब को संवारने के लिए कुछ नेता कांग्रेस को छोड़कर भागते नजर आ रहे हैं,ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हर कांग्रेसी नेता की सोच पार्टी को छोड़कर जाने की है, कुछ निष्ठावान और समर्पित कांग्रेसियों ने ऐसी दशा में कांग्रेस का हाथ थाम रखा है,जो कांग्रेस के लिए एक मजबूत पहचान बने हुए,उनका मानना है कि कांग्रेस किसी भी स्थिति में क्यों न हो लेकिन वो संगठन का परचम बुलंद रखने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ने वाले हैं, कांग्रेस के जिम्मेदार लोगों द्वारा इस बात पुरजोर दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिलेगी, लेकिन वह लोग इस बात का जवाब देने से कतरा रहे हैं कि कांग्रेस में खलबली के बीच कांग्रेस को छोड़कर जाने का सिलसिला कब रुकेगा,न तो जिला कांग्रेस कमेटी और महानगर कांग्रेस कमेटी के जिम्मेदार इस बात का जवाब दे रहे हैं, और न ही संगठन के शीर्ष नेता इसका जवाब दे रहा है।

कांग्रेस की लंबी फेहरिस्त धीरे धीरे कम होने की कगार पर है,एक मजबूत संगठन के तौर पर जाने जानी वाली कांग्रेस आज अपने के ही निशाने का शिकार हो रही है, बीते रोज महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा और कांग्रेस पार्षद ने अपने ही पार्टी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर संगीन आरोप जड़ दिए, बल्कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार श्रीमती मीना शर्मा की करारी हार के लिए जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर संगठन में निष्ठा से कार्य न करने के आरोप लगाएं दिए हैं, कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव जीतने वाले रमेश कालड़ा ने तनेजा के सुर ताल में घुंघरुओं की छम छम छम छम मिला दी है, तनेजा का आरोप है कि जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा खुद पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और दूसरों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं, दरअसल हिमांशु गावा ने जगदीश तनेजा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें संगठन से छह साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन संगठन के कयादे कानून के हिसाब से जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा को यह अधिकार नहीं है,उनको‌ किसी को भी पार्टी से निकलने का मौलिक अधिकार नहीं है,यह अधिकार आला नेताओं और शीर्ष नेताओं के पास होते हैं।


ख़बर शेयर करे -