विधायक शिव अरोरा सहित 10 भाजपाइयों को अदालत ने क़रार दिया दोष मुक्त

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(साल 2022 के विधानसभा चुनावों में 28 जनवरी को बीजेपी विधायक उम्मीदवार के नामांकन के दौरान दर्ज किया गया था मुकदमा)

एम सलीम खान प्रभारी संपादक की रिपोर्ट 

रुद्रपुर – मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा और दस अन्य भाजापाई नेताओं को अदालत से राहत मिली है,, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के दौरान मौजूदा विधायक शिव अरोरा सहित दस अन्य भाजापाई नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मौ यूसूफ ने इस मामले अहम फैसला सुनाया दिया, सबूतों के आभाव में विधायक शिव अरोरा सहित सभी आरोपियों को अदालत ने दोष मुक्त करार दिया।

यहां बताते चलें कि साल 2022 के विधानसभा चुनावों में 28 जनवरी 2022 को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक शिव अरोरा ने जिला मुख्यालय परिसर में अपना नामांकन दाखिल किया था , इस दौरान ज़िले के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरिंदरजीत सिंह जनपद में नियुक्त थे, नामांकन के दौरान भाजपा उम्मीदवार शिव अरोरा और उनके सहयोगी भी उनके साथ मौजूद थे, भाजपा के प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, सुरेश कोली,भारत भूषण चुघ, राजकुमार शाह, गुरमीत सिंह,केके दास, विवेक सक्सेना सहित अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ पूर्व थाना प्रभारी पंतनगर राजेन्द्र सिंह डांगी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 127 और आईपीसी की धारा 188 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 व आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मुकदमा दर्ज किया था।

इस मामले में पुलिस ने 6 मार्च 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया था, मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीजेएम मोहम्मद यूसुफ की अदालत में हुई, सभी आरोपियों पर 21 सितंबर 2022 को आरोप तय कर दिए गए, अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 6 गवाह पेश किए जो यह सभी गवाह पुलिस कर्मी थे, जबकि आम जनता की ओर से कोई गवाह नहीं था, मामले में 21 फरवरी 2024 को सभी आरोपियों के बयान दर्ज किए गए।

शुक्रवार यानी 22 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीजेएम मोहम्मद यूसुफ की अदालत में सुनवाई हुई, साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपियों को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद यूसुफ ने मौजूदा विधायक शिव अरोरा सहित सभी अन्य आरोपियों को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया।

मामले में भाजपा नेताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडे , परवेज आलम,शिव सक्सेना, नवीन ठुकराल, अंकित सिडाना,एस के सिंह सहित कई वरिष्ठ वक्ताओं ने पैरवी करते हुए आरोपों झूठा साबित कर दिया,।

वरिष्ठ वकील और पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि न्याय की विजय हुई है,यह मुकदमा पूरी तरह से राजनैतिक की बदलें की भावना से दर्ज किया गया था, पुलिस ने जो आरोप लगाएं थे वह सभी मनगढ़ंत और निराधार थे, साक्ष्य के तौर पर पुलिस ने जो भी फोटो ग्राफ पेश किए वह उन्हें आरिजनल पेश नहीं कर पाए, साथ ही गवाहों में विरोधाभास था, जिससे साफ हो गया था कि मुकदमा पूरी तरह राजनैतिक में बदले की भावना से दर्ज किया गया था, उन्होंने कहा कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मौजूदा में भी आदर्श आचार संहिता लागू हैं,यह फैसला प्रशासन के लिए नजीर बन गया है।


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