(मेयर सीट की कर रहे दावेदारी आखिर कांग्रेस को पहुंचा ही दिया आखिरी पड़ाव पर)
(मीडिया के सामने बड़े बड़े दावे करने वाले सीपी शर्मा की खुली पोल)
(हार के बाद नदारत हुए जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा)
एम सलीम खान ब्यूरो
रूद्रपुर – उत्तराखंड में कांग्रेस की बेहद दयानिय स्थिति है,आलम यह हुआ कि कांग्रेस उत्तराखंड में खुद साबित करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो गई, सबसे ज्यादा खस्ता हालत ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में देखने को मिली है, यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता पूरी तरह असफल साबित हो गये है,कल सामने आई एक खबर के मुताबिक महानगर कांग्रेस कमेटी के कर्म योगी सीपी शर्मा अपने खुद के बूथ से कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को महज 56 वोट दिलाने बमुश्किल सफल हो पाए, जबकि शर्मा निकायों में रुद्रपुर नगर निगम में मेयर की कुर्सी की प्रबल दावेदार कर रहे हैं, ऐसे में बड़े सवाल खड़े किए जा रहे हैं, लोगों का कहना है कि जो कांग्रेसी नेता अपने खुद के बूथ से कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को महज़ 56 वोट दिलाने में कामयाब हो पाएं वो किस तरह मेयर की कुर्सी तक पहुंचने में सफल हो पाएंगे, मतलब साफ है कि कांग्रेस आने वाले निकायों में भी अपना बाजूद खो बैठेंगी, सत्तारुढ़ भाजपा को आड़े हाथो लेने वाले कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा लोकसभा चुनावों में महज एसी कोच में बैठकर राजनीति करने में व्यस्त रहें हैं, उन्होंने जमीनी स्तर पर कांग्रेस की मज़बूती के नाम मात्र काम किया, माना जा रहा है कि निकाय चुनावों में कांग्रेस रुद्रपुर से पूरी तरह साफ हो जाएगी।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद गायब हो गए जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा
इधर दूसरी तरफ कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा लोकसभा चुनावों के बाद एकाएक गायब हो गए हैं,हार के बाद उनका कोई भी बयान मीडिया के सामने नहीं आया है, माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व जल्द ही संगठन ने बडा फेरबदल कर सकता हैं, यहां बताते चलें कि जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने जब से जिला कांग्रेस कमेटी की भागदौड़ संभाली है, उस दौर से कांग्रेस का पतन शुरू हो गया था, बहुत से युवा चेहरों ने कांग्रेस से किनारा कर लिया, हिमांशु गावा ने एसी कोच में बैठकर कांग्रेस की प्रचंड जीत का सर्टिफिकेट दिया था, लेकिन उनके सारे दावों पर पानी फिर गया, जिसके बाद उन्होंने एसी कोच से बाहर निकलना बंद कर दिया है।
पार्षद मोहन खेड़ा भी है मेयर के दावेदार
भूरारानी वार्ड से कांग्रेस के पार्षद मोहन खेड़ा भी मेयर की कुर्सी के दावेदार हैं, लेकिन यहां भी कांग्रेस की स्थिति बेहद कमजोर रही, खेड़ा भी अपने वार्ड के मतदाताओं को रिझाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो गये, यहां से भी कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को नाम मात्र वोट मिले थे, मोहन खेड़ा एक विवाद में भी घिरे हुए हैं,भूरारानी वार्ड के रहने वाले एक शख्स महे, सिंह ने खेड़ा और उनके परिजनों पर निर्मम तरीके से मारपीट करने का आरोप लगाया था, पुलिस ने इस मामले मुकदमा दर्ज किया था, जो मौजूदा समय में न्यायालय में विचाराधीन है, महेंद्र सिंह का आरोप है कि मोहन खेड़ा ने अपने राजनीतिक बर्चस्व का दबाव बनाने के बाद उक्त एफआईआर में से अपना नाम हटवा दिया है,जिस लेकर उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।