
(नर्स के परिजनों को 50 लाख मुआवजा और हत्या और बत्लत्कार मामले में सीबीआई जांच की मांग)
(एस एस पी से इस्तीफा देने की मांग पुलिस महकमे पर लगाए गंभीर आरोप)
(किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क बोले आखिर किसे बचना चाह रही पुलिस)
(रुद्रपुर में दिखाई दी सर्व धर्म समभाव की मिसाल हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्म के लोग सड़कों पर उतरे)
रुद्रपुर – फुटेला अस्पताल में नौकरी करने वाली नर्स तस्लीमा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, नर्स तस्लीमा जहां के शरीर के की गई हैवानियत देख कर हर किसी का दिल दहल गया था, वहीं पुलिस को उसका शरीर कई टुकड़ों में मिला था, वहीं नर्स की पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे पर इतने खतरनाक केमिकल डाला गया था चेहरे पर सिर्फ हड्डियों का ढांचा बाकी बचा था, नर्स तस्लीमा का शव देखकर मानों ऐसा लगता था कि जैसे की उसके शरीर को नोचने वाले दरिंदों की संख्या एक नहीं बल्कि यह एक सामूहिक दुष्कर्म का मामला है।
इस मामले में विरोध शुरू हुआ तो ऊधम सिंह नगर पुलिस भी हरकत में आ गयी बाकौल पुलिस ने इस मामले उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के एक तथा कथित नशेड़ी को इस मामले का मुख्य आरोपी साबित करते हुए मीडिया के सामने जो खुलासा किया शायद वो खुलासा खुद मीडिया कर्मियों के गले नहीं उतरा पुलिस ने एक भूस ढोने वाले नशेड़ी किस्म के युवक को नर्स तस्लीमा से बलात्कार और उसकी हत्या का मुख्य आरोपी साबित कर दिया वहीं पुलिस ने संदेह के दायरे में आने वाले तथा कथित फुटेला अस्पताल और उसके एम डी डा फुटेला सहित अन्य स्टाफ से जांच के नाम एक सवाल भी नहीं पूछा,इस खुलासे को लेकर ऊधम सिंह नगर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाएं जाने और पुलिस पर इस मामले को दबाने के आरोपों का सिलसिला जारी हो गया।
नर्स तस्लीमा हत्याकांड को लेकर जिला मुख्यालय रुद्रपुर से जिले के अलग-अलग शहरों में छात्रों राजनीतिक सामाजिक धार्मिक संगठनों का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और लोग पुलिस महकमे के खिलाफ सड़कों पर उतर आए,पूरे कुमाऊं में इस मामले को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन की जमकर खिंचाई शुरू हो गई, पुलिस के तथा कथित खुलासे को आम जनता सहित नर्स तस्लीमा के परिजनों ने भी सिरे से खारिज कर दिया और रुद्रपुर के फुटेला अस्पताल को बंद किए जाने सहित अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई, वहीं बीते रोज रक्षाबंधन पर्व होने के बावजूद भी बड़ी संख्या में युवाओं छात्रों, धार्मिक संस्थाओं ने किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क के नेतृत्व में शहर की गल्ला मंडी से लेकर बांटा चौंक गांधी पार्क तक पैदल मार्च निकाला और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग नर्स के परिजनों को 50 लाख मुआवजा देने की मांग की भारी बारिश भी इन युवाओं के बढ़ते कदम नहीं रोक पाईं, इसी बीच भारी बारिश के बीच रुद्रपुर के तहसीलदार दिनेश कुटोला वहां पहुंचे और इनका ज्ञापन लिया, उन्होंने बारिश को देखते हुए भारी भीड़ से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की और ज्ञापन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजने का आश्वासन दिया।
वहीं इस केंडिल मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क में कहा कि दो या चार दिन बाद इस मामले में आपसी विचार विमर्श के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी, जिसके बारे में आप सब को सूचित कर दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि नर्स तस्लीमा हत्याकांड में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है,जिस आरोपी को एक नशेड़ी करार दे रही थी चंद घंटों बाद उसे ही इस मामले का मुख्य आरोपी बता दिया जाता है, उन्होंने कहा कि आखिर पुलिस किस राजनेता के इशारे पर फुटेला अस्पताल को बचाने का प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा कि नर्स तस्लीमा के साथ जो वैहशियाना कृत्य किया गया है वह किसी एक व्यक्ति का कृत्य नहीं है यह काम पूरी सोची समझी साजिश से किया गया, उनकी बात सुनते ही युवाओं का ग़ुस्सा और हाई हो गया और वह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी से इस्तीफा देने के नारे लगाने लगे, आक्रोशित छात्रों और युवाओं ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए और उनसे इस्तीफा देने की मांग करते राज्य सरकार को जमकर कोसने लगे,इन युवाओं का कहना था कि सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यू तो महिलाओं की रक्षा का दावा करते हैं लेकिन नर्स तस्लीमा और राज्य की राजधानी देहरादून में एक नाबालिग लड़की के साथ हुएं जघन्य मामले में खामोशी अख्तियार कर तमाशा देख रहे हैं, उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने एक संगीन मामले पर पर्दा डालने का भरसक प्रयास किया है, आखिर सीएम धामी कब इस मामले का संज्ञान लेंगे, उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन से इस मामले को हल्के में लिया है लेकिन हम आखिरी छोर तक इस इंसाफ की लड़ाई को लड़ेंगे हम पीछे नहीं हटेंगे।
पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की नाराज़गी जताई
इस केंडिल मार्च में रुद्रपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भी शामिल हुए, लेकिन उनकी एक बात मार्च में शामिल युवाओं की नाराज़गी कां सबब बन गई,,दर असल रुद्रपुर के तहसीलदार दिनेश कुटोला जब इनकां ज्ञापन लेने पहुंचे तो पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा दिया कि मेरे भाई तहसीलदार मजिस्ट्रेट दिनेश कुटोला यहां पहुंच चुके हैं, जिन्हें हम यह ज्ञापन सौंपा रहे,यह बात सुनकर वहां मौजूद बहुत से युवाओं ने उनकी बात पर नाराज़गी जताई और कहा यह कोई भाई भतीजावाद का मेंटर नहीं है, कुछ युवकों ने दबी जुबान से उनकी इस बात को लेकर अपनी नाराज़गी जताई।
एम सलीम खान ब्यूरो

