
– महापौर विकास शर्मा ने दिलाया भरोसा
– वर्षों से बसे परिवारों को नहीं किया जाएगा बेदखल
– पुनर्वास के लिए शासन स्तर पर होंगे प्रयास
रुद्रपुर -(एम सलीम खान संवाददाता) कल्याणी नदी के किनारे और नजूल भूमि पर वर्षों से बसे पहाड़गंज क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों पर बेदखली का संकट मंडरा रहा है। जिला विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण के नाम पर नोटिस थमाए जाने से भयभीत सैकड़ों महिला-पुरुष सोमवार को नगर निगम कार्यालय पहुंचे और महापौर विकास शर्मा से मदद की गुहार लगाई। लोगों का कहना था कि प्रशासन द्वारा उनके घर उजाड़ने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।

वार्ड 16 के पार्षद नुरूद्दीन के नेतृत्व में जुलूस की शक्ल में पहुंचे लोगों ने महापौर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि पिछले 20 दिनों से प्राधिकरण की टीम लगातार बस्ती में आकर मकानों को अवैध बताते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर रही है। इससे क्षेत्र के करीब 300 परिवारों में डर और असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं और उनकी आजीविका पहले से ही संकट में है। यदि मकान तोड़े गए तो वे खुले आसमान के नीचे आ जाएंगे।
स्थानीय लोगों ने मांग की कि यदि प्रशासन को कल्याणी नदी के किनारे अतिक्रमण हटाना ही है तो यह कार्य कल्याणी नदी के उदगम स्थल सिडकुल क्षेत्र से शुरू किया जाए, न कि केवल बीच के हिस्सों को निशाना बनाकर। उन्होंने इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण बताया। लोगों का कहना था कि वे 15 से 20 वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं और इस दौरान कई परिवारों ने जीवन की पूरी जमा-पूंजी लगाकर मकान बनाए हैं। अब अचानक नोटिस देकर उन्हें उजाड़ने की कार्रवाई अमानवीय है।
महापौर विकास शर्मा ने लोगों की बात गंभीरता से सुनते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि किसी को भी अन्यायपूर्वक उजाड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो परिवार वर्षों से यहां रह रहे हैं, उनके हितों की रक्षा की जाएगी और यदि अतिक्रमण हटाना अनिवार्य हुआ तो पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि वे इस विषय पर स्वयं जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता करेंगे और लोगों के पुनर्वास एवं अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। देर तक चली वार्ता के बाद प्रभावित लोगों ने महापौर के आश्वासन पर विश्वास जताते हुए उम्मीद जताई कि प्रशासन उनकी दशा को समझेगा और कोई समाधान निकलेगा।

