रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) 9 नवंबर 2024 को उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर विगत 20 दिन से आमरण अनशन पर बैठी उत्तराखंड की 4 बेटियों की प्राणरक्षा करने और सत्ता के नशे में चूर सत्ताधारियों को जगाने के लिए डॉल्फिन मजदूरों के धरना स्थल,गाँधी पार्क रुद्रपुर (उत्तराखंड ) में जन आक्रोश सभा* का आयोजन किया गया।
सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि डॉल्फिन कम्पनी सिडकुल पंतनगर (उत्तराखंड )के मालिक और शासन सत्ता के जुल्म अत्याचार से दुखी पीड़ित होकर उत्तराखंड और भारत देश की 4 बेटियां विगत 20 दिनों से आमरण अनशन पर बैठी हुईं हैं। किन्तु कम्पनी मालिक और सत्ता के नशे में चूर सत्ताधारियों को उनकी चीखें, उनकी पीड़ा और बेबशी बिल्कुल भी महसूस नहीं हो रही है। जिससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड में अत्यंत क्रूर और निर्दयी सत्ता क़ायम हो चुकी है।
वक्ताओं ने कहा कि 20 दिनों से आमरण अनशन पर बैठी दो सगी बहनों प्रेमवती और पुष्पा को कम्पनी मालिक द्वारा अपने दिवंगत पिता के अंतिम दर्शन करने पर नौकरी से निकालने की घटना उत्तराखंड राज्य के लिए भारी कलंक है और राष्ट्रीय शर्म का विषय है।इससे भी ज्यादा शर्मनाक और कष्ट की बात उत्तराखंड में भाजपा आरएसएस की सरकार और सत्ताधारियों द्वारा इस अत्याचारी कंपनी मालिक को खुला संरक्षण देने की घटना है।
सत्ता के नशे में चूर ये सत्ताधारी यह भूल चुके हैं कि अपने पिताजी का अंतिम दर्शन करना और उनका सम्मान से अंतिम संस्कार करना पुष्पा और प्रेमवती का अधिकार भी था और कर्तब्य भी। हर किसी औलाद का यह फ़र्ज है। इसे अपराध मानने की इस घटना को उत्तराखंड की जनता कतई बर्दास्त नहीं करेगी। हमें ऐसा उत्तराखंड नहीं चाहिए जहाँ हमें माता पिता की सेवा करने, उनका अंतिम दर्शन करने का भी अधिकार ना हो।
वक्ताओं ने आगे कहा कि कंपनी में काम करते हुए एक्सीडेंट होने पर विकलांग हुईं कृष्णा देवी को नौकरी से निकालने की घटना उत्तराखंड राज्य में अस्वीकार्य है। क्रूरता और हैवानियत है।इंसानियत और नैतिकता की हत्या है।
डॉल्फिन कंपनी में हजारों स्थाई मजदूरों को नौकरी से निकालकर ठेके में नियोजित करना,कारण बताओ नोटिस, आरोप पत्र दिए बिना उनकी गेटबंदी करना बुनियादी श्रम कानूनों, भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का घोर उल्लंघन है। उत्तराखंड सरकार और राज्य नामक संस्था द्वारा डॉल्फिन कम्पनी मालिक के उपरोक्त गैरकानूनी कृत्यों पर रोक लगाने और कंपनी मालिक को दण्डित करने के स्थान पर उसे खुला संरक्षण देने की घटना अत्यंत गंभीर घटना है। इससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड में अराजकता का राज स्थापित हो चुका है और पूँजीपतियों को भारत देश के कानूनों को रोंदने की खुली छूट मिल चुकी है।
कहा कि धनतेरस के दिन रुद्रपुर शहर के ठीक बीच में गाँधी पार्क में इन दुःखियारी महिलाओं के जिला प्रशासन के निर्देशन में पुलिस द्वारा कपड़े फाड़कर उन्हें नग्न करके चीरहरण करने,मारपीट कर लहूलुहान करने की घटना उत्तराखंड ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय शर्म का विषय है।जिससे उत्तराखंड राज्य की जनता बेहद क्रोधित है। हम ऐसा उत्तराखंड नहीं बनाना चाहते हैं जहाँ कंपनी मालिकों के इशारे पर शासन सत्ता द्वारा दुर्योधन, दुस्शासन और शकुनि की तरह महिलाओं का चीरहरण करके उन्हें नंगा किया जाये। यह सबकुछ उत्तराखंड राज्य की अवधारणा और अस्मिता के खिलाफ है। उत्तराखंड राज्य के निर्माण हेतु हमारी माताओं बहनों द्वारा दिए गए बलिदान और किये गए संघर्ष का घोर अपमान है।
कहा कि ये सत्ताधारी भले ही सत्ता के नशे में मदहोश होकर इन अनशन कारी महिलाओं को और अपने कर्तब्य को भूल चुके हो किन्तु उत्तराखंड की जनता न्याय, नैतिकता और अपने कर्तब्य को नहीं भूली है। यदि किसी अनशनकारी महिला को जानमाल से कोई नुकसान हुआ तो उत्तराखंड जनता जनता चुप नहीं बैठेगी।
श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह और महासचिव चंद्रमोहन लखेड़ा ने कहा कि *आज शाम को 7:00 बजे स्थानीय विधायक शिव अरोरा जी ने अपने कार्यालय में वार्ता हेतु बुलाया है। और कहा कि समस्या का समाधान करा दिया जायेगा। यदि आज समस्या का समाधान हो गया तो ठीक है, नहीं तो कड़े कदम उठाये जायेंगे जिसके प्रशासन परिणाम भुगतने को तैयार रहे।
आज की जन आक्रोश सभा को श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, महासचिव चंद्रमोहन लखेड़ा, कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह, इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर के महामंत्री सौरभ कुमार, भाईचारा एकता मंच के अध्यक्ष के पी गंगवार, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के नगर सचिव शिवदेव सिंह, मजदूर सहयोग केंद्र (CSTU ) के अध्यक्ष मुकुल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, ऑटोलाइन इम्प्लाईज यूनियन के महामंत्री प्रकाश मेहरा,करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, यजाकि वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह,
समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास, आम आदमी पार्टी की ऊधमसिंह नगर जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के अध्यक्ष हृदेश कुमार, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश पनेरू,ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर के सुरेंद्र सिंह, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान के दिनेश चंद्र और समाजसेवी सुदर्शन शर्मा आदि ने सम्बोधित किया। साथ में सैकड़ों मजदूर शामिल रहे।