सरकारी भवनों पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे कर्माचारी,कुछ अधिकारियों की मिली भगत से धड़ल्ले किया जा अवैध निर्माण

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(निगम की मिली भगत से कराया जा अवैध रूप से हाउस टैक्स आखिर कौन है इसके पीछे)

एम सलीम खान ब्यूरो

रुद्रपुर – बरसों से खंडहर पढ़ें कुछ सरकारी भवनों पर अवैध रूप सरकारी महकमों में तैनात कुछ कर्मचारियों द्वारा इन खंडहर पढ़ें भवनों एक षड्यंत्र रच कर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है,यही नहीं इन खंडहर पढ़ें भवनों को बिना किसी सरकारी महकमे की अनुमति के अवैध रूप से दो मंजिला इमरतो में के रूप में अवैध निर्माण भी कराया जा रहा, बल्कि कुछ खंडहरों को दो तो दो मंजिला इमरतो में तब्दील भी कर दिया गया है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रुद्रपुर नगर निगम में तैनात एक कर्मचारी ने एक खंडहर पढ़ें एक जर्जर भवन पर अवैध रूप से कब्जा कर उसका दो मंजिला इमारत में निर्माण भी करा दिया गया और इमरात में कुछ दुकानों का निर्माण कर उन्हें बतौर किराय पर दे दिया गया है, इतना ही नहीं इस कर्मचारी ने नगर निगम के कुछ अधिकारियों की मुठ्ठी गर्म कर इस अवैध इमारत पर हाउस टैक्स भी लागू करा लिया गया है, वहीं एक आई टी आई कार्यकर्ता ने इस मामले में नगर निगम रुद्रपुर से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत तमाम तरह की जानकारी उपलब्ध कराएं जाने का आवेदन भी किया है,इस आवेदन की प्रति कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत सहित जिलाधिकारी उदयराज सिंह को भी भेजी गई है,आई टी आई कार्यकर्ता का कार्यकता का कहना है नगर निगम द्वारा मलिक बस्तियों में निवास करने वाले लोगों को बताया जा रहा है कि मौजूदा समय या यूं कहें कि पिछले कई सालों से इन बस्तियों में रहने वाले लोगों के घरों पर हाउस टैक्स लागू करने से इंकार किया जा रहा है, ऐसे में निगम में तैनात इस कर्मचारी द्वारा किए अवैध कब्जे पर निर्मित की दो मंजिला इमारत पर कैसे हाउस टैक्स लागू कर दिया गया,आई टी आई कार्यकर्ता का कहना है कि सूचना मिलने के बाद इस मामले को वह माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे,जिस सारी स्थिति साफ हो जाएगी।

आखिर किस निगम अधिकारी की है मिली भगत?

जहां एक तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अवैध निर्माणों को सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं वहीं दूसरी ओर उनके ही मुलाजिम सरकारी भवनों पर अवैध रूप से कब्जा कर धड़ल्ले से अवैध निर्माण कर रहे हैं, वहीं कुछ ज़िम्मेदार आला अधिकारीयों की मिली भगत से राजस्व विभाग को लाखों का चूना लगाया जा रहा है,यह कहना ग़लत नहीं होगा कि सीएम धामी अपने साफ और स्वच्छ छवि को लेकर गंभीर है, वहीं उनके द्वारा अपनी सरकार की छवि को दागदार होने से बचने के भरसक प्रयास जारी हैं, लेकिन कहीं न कहीं उनके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी सरकार की बेदाग छवि को दागदार करने पर आमादा है, ऐसे में जरूरी है कि सीएम धामी को ऐसे मामलों को बेहद संजीदगी से लेते हुए ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने की जरूरत है।


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