आखिकार कांग्रेस की बी टीम ने कांग्रेस को चाट कर ही दम लिया, मोहन लाल खेड़ा को मेयर बनाने में हुएं बौने साबित, सिर्फ घर में बैठकर तमाशा देखते रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष

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ऊधम सिंह नगर – (एम सलीम खान ब्यूरो) जनपद ऊधम सिंह नगर में कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने में आखिकार कांग्रेस की बी टीम को सफलता मिल गई, विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनावों और स्थानीय चुनावों में कांग्रेस की हालत बेहद खस्ता हो गई है, लगातार भारतीय जनता पार्टी से शिकस्त खा रही कांग्रेस का अब जिले से खत्म हो गया है।

और कांग्रेस के गिने-चुने मठाधीशों के चेहरे पर जरा भी सिलवटें नहीं आईं हैं, वहीं कांग्रेस के एक बड़े चेहरे मोहन लाल खेड़ा का भविष्य भी इन तथाकथित मठाधीशों ने अंधकार में झोंक दिया, कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के तजुर्बे को फिर एक भारतीय जनता पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया है।

हालांकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने निगम में सरकार बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन कांग्रेस के गिने-चुने मठाधीशों ने अपनी सतर्क भूमिका नहीं निभाई और कांग्रेस फिर एक बार ओंधे मुंह गिर गई, बल्कि अगर यू कहे कि जिले से कांग्रेस का बचाखुचा बर्चस्व खत्म हो गया है तो ठीक रहेगा, कांग्रेस ने जिस तरह पार्षद उम्मीदवार को टिकट का बंटवारा किया उससे पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

कांग्रेस ने सिर्फ शहर में 12 वार्ड में अपनी आबरू बचाई है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने शहर के 22 वार्डों में कब्जा करने में अहम भूमिका निभाई है, जिसके बाद सदन में भी कांग्रेस बेहद कमजोर पड़ जाएगी और संभवतः भाजपा का पल्ला भारी रहेगा, वहीं हार की दहलीज पर पहुंचने वाले मोहन लाल खेड़ा ने इन चुनावों में अपनी चाणक्य नीति का प्रदर्शन किया लेकिन कांग्रेस के ऊंचे शिखरों पर बैठे नेताओं ने उनकी मेहनत पर पानी फेरते हुए अपनी मित्रता को अंदरुनी तौर पर काम किया जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस पार्टी को दीमक की तरह यह तथा कथित मठाधीश चट कर गए।

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करारी हार के बाद तो जैसे इन मठाधीशों को सांप सूंघ गया हो और अपने आलीशान महल में चुप्पी साध कर बैठ गए हैं, सवाल यह है कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने लगातार तीसरी बार हार से कभी तक सबक नहीं लिया है और ऐसी स्थिति में कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा और महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा सहित अन्य प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग करने की जरूरत है।


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