उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक इस मामले में एस आई टी जांच के बाद चार्जशीट दाखिल

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उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक इस मामले में एस आई टी जांच के बाद चार्जशीट दाखिल

पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू 2012 के एक धोखाधड़ी के मामले में 9 बीघा जमीन अपने नाम करने का मामला

पूर्व डीजीपी सहित चार अन्य लोगों के खिलाफ धारा 420-467-468-471 और 120बी के तहत चार्जशीट दाखिल

एम सलीम खान ब्यूरो प्रमुख ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड

राज्य समीक्षा ब्यूरो देहरादून – उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू और चार अन्य लोगों के खिलाफ मसूरी के नजदीक वीरगिरवाली आरक्षित वन भूमि ज़मीन को धोखधड़ी से खरीदने का संगीन आरोप है, इसके साथ ही उन पर संरक्षित साल प्रजापति के करीब 26 वृक्षों को कटवाने का आरोप लगाया है, इस सनसनीखेज मामले में वन महकमे ने भी केस दर्ज कराया था।

 

जो बहरहाल निचली अदालत में विचाराधीन है, पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने डीजीपी रहने के दौरान कार्यलय के अंतिम चरण के दौरान साल 2012 पुराने मसूरी रोड़ के वीरगिवाली स्थित आरक्षित वन विभाग की नौ बीघा भूमि अपने नाम कर ली थी इसके साथ ही इस भूमि पर साल प्रजापति के करीब 26 वृक्षों को भी कटवा दिया था,इस दौरान उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के लिए अर्जी दी थी।

 

लेकिन फिर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई ये भूमि दो दशक पहले किसी नत्थूराम के नाम के व्यक्ति दर्ज थी लेकिन उसके बाद से उक्त भूमि को आरक्षित वन क्षेत्र में घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद पूर्व डीजीपी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में किसी नत्थूराम नाम के व्यक्ति की खोजबीन की और उन्हें मेरठ के गांव रसूलपुर में इस नाम का व्यक्ति मिल गया था,मेरठ से लाएं गए फर्जी भूमि के मालिक रसूलपुर के गांव के प्रधान के माध्यम से नत्थूराम ने फर्जी कागजात बनाए और उन्हें रजिस्ट्री आफिस में खुद फर्जी भूमि मालिक बनाकर ज़मीन अपने नाम दर्ज कर ली।

 

साल 2013 में इस भूमि का दाखिल खारिज बीएस सिद्धू के नाम पर कर दिया गया, जबकि असली जमीन मालिक नत्थूराम के बेटों ने इस दाखिल खारिज के विरुद्ध अपर तहसीलदार की कोर्ट में 25 मार्च 2013 को स्टे ले लिया था इसी दौरान दो अन्य लोग रहीमुद्दीन और हाजी रिजवान भी सामने आई गये और उन्होंने उक्त जमीन की पावर आफ एटर्नी अपने नाम होने का दावा पेश कर दिया, जिसके बाद बीएस सिद्धू की ओर से नत्थूराम बनाए गए व्यक्ति ने उनके विरुद्ध कोतवाली में 5 जुलाई 2013 को केस दर्ज कराया था।

 

एस आई टी की पर्यवेक्षक डीआईजी एल बी रेणुका ने इस मामले में बताया कि एस आई टी की जांच पड़ताल में पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू आरोपी साबित हो गये है, एक साल से चली जांच के बाद एस आई टी ने पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू रहीमुद्दीन हाजी रिजवान सुभाष शर्मा और स्मिता दीक्षित के विरुद्ध आई पी सी की धारा 420-467-468-471 और 120बी के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है, इसके अलावा जांच जारी है।


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