स्टोन क्रेशर के मालिकों पर मेहरबान हुए नैनीताल के पूर्व डीएम, 50 करोड़ का जुर्माना किया माफ, हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया- पढ़ें यह बड़ी खबर

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नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी को तलब को किया है, दरअसल नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी ने अपने कार्यकाल में विभिन्न स्टोन क्रेशरो में अवैध खनन एवं भंडारण पर लगाएं गए करीब 50 करोड़ रुपए के जुर्माने को एक झटके में माफ कर दिया था,इस संबंध में जनहित याचिका दायर की गई थी, याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य से दो हफ्ते जवाब दाखिल करने को कहा है, मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी है।

इस प्रकरण के अनुसार चोरगलिया के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भुवन पोखरिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि साल 2016-17 में नैनीताल के पूर्व डीएम ने बहुत से स्टोन क्रेशरो में अवैध खनन और भंडारण का जुर्माना जो करीबन 50 करोड़ रुपए था उसे माफ कर दिया था ,

जिलाधिकारी ने उन स्टोन क्रेशरो का जुर्माना माफ़ किया जिन पर जुर्माना करोड़ों में था, जबकि उन्होंने कम जुर्माने वाले स्टोन क्रेशरो का जुर्माना माफ नहीं किया,इसकी शिकायत चीफ़ सेकेट्री और खनन सचिव से की गई, लेकिन शासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई, याचिका में कहा गया कि यह जिलाधिकारी का विशेष अधिकार है,

जब याचिकाकर्ता ने शासन से इसका लिखित रूप में जवाब मांगा गया तो आज तक की तारीख में उन्हें इसका लिखित कोई जवाब नहीं दिया गया, इसके बाद उन्होंने इस मामले में आर टी आई लगा कर जिलाधिकारी के नियमवाली में अधिकार मांगे, उन्होंने अवैध खनन और भंडारण पर लगे जुर्माने को माफ करने का अधिकार जाना, इसके उत्तर में औद्योगिक विभाग के लोक सूचना अधिकारी ने कहा कि लोक प्राधिकार के अंतर्गत यह धारित नहीं है,

जनहित याचिका में कहा गया कि जब लोक प्राधिकार में उक्त नियम धारित नहीं है तो जिलाअधिकारी ने कैसे इन स्टोन क्रेशर पर लगें 50 करोड़ रुपए के जुर्माने को माफ कर दिया? जबकि औधोगिक विभाग में 21 अक्टूबर 2020 को इस पर आख्या प्रस्तुत करने को कहा था,जो प्रस्तुत नहीं की गई, जनहित याचिका में हाईकोर्ट से मांग की गई है कि इस पर कार्रवाई की जाएं, क्योंकि यह राज्य राजस्व की हानि है, मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा और अग्ली सुनवाई के लिए एक अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी है।

एक बार में ही कर दिया 50 करोड़ का जुर्माना माफ पूर्व डीएम

हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव जोशी का कहना है कि नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी ने जिस तरह एक साथ बड़े स्टोन क्रेशरो का 50 करोड़ रुपए का जुर्माना एक बार में माफ कर दिया, इससे सरकार को बडा राजस्व नुकसान हुआ है, जुर्माना माफ किन वजहों से किया गया इसका जिक्र कहीं मौजूद नहीं है, जबकि छोटे स्टोन क्रेशरो को इस कर्ज माफी से बाहर रखा गया,यह एक प्रश्न वाचक सवाल है,? जिसे लेकर यह जनहित याचिका दायर की गई है,अब मा उच्च न्यायालय को सरकार की ओर से आने वाले जवाब का इंतजार है, जिसके बाद आगे के मामले पर सुनवाई होगी।

संवाददाता-एम सलीम खान की रिपोर्ट


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