
रुद्रपुर -(संवाददाता एम सलीम खान) उत्तराखंड की शांत वादियों ने सोमवार को एक ऐतिहासिक पल देखा, जब देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद निर्धारित कार्यक्रमानुसार पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचे। उनके स्वागत के लिए जिले के प्रशासनिक और पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारी स्वयं मौजूद रहे।
जैसे ही पूर्व राष्ट्रपति का विमान पंतनगर एयरपोर्ट पर उतरा, वहां जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति तराई भवन पंतनगर पहुंचे, जहां विश्वविद्यालय प्रशासन और जिलाधिकारी द्वारा उनकी अगवानी की गई। यहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों को पूर्व राष्ट्रपति को भेंट किया गया। उन्होंने इन उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है।
पूर्व राष्ट्रपति ने तराई भवन में अल्प विश्राम के बाद कैची धाम, नैनीताल के लिए प्रस्थान किया। बताया गया कि वे यहां बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन करने पहुंचे हैं।
इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक अभय सिंह, आर.डी. मठपाल, उप जिलाधिकारी डॉ. अमृता शर्मा, गौरव पांडेय, तहसीलदार दिनेश कुटौला सहित पुलिस और प्रशासनिक अमला मुस्तैद नजर आया। एयरपोर्ट और तराई भवन परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति के इस आगमन को लेकर प्रशासन और पुलिस विभाग कई दिनों से तैयारियों में जुटे थे। पंतनगर से लेकर कैची धाम तक सुरक्षा व यातायात व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
पूर्व राष्ट्रपति के आगमन ने न केवल जिले का गौरव बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन के उत्कृष्ट समन्वय और तैयारियों की भी सराहना की जा रही है।
कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा, “पूर्व राष्ट्रपति का यहां आगमन विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व का विषय है। उनके मार्गदर्शन से हमें प्रेरणा मिली है।”
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि “पूर्व राष्ट्रपति के स्वागत और यात्रा को लेकर सुरक्षा व प्रोटोकॉल की सभी तैयारियां पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार की गई थीं।”
पूर्व राष्ट्रपति के आगमन ने एक बार फिर उत्तराखंड को राष्ट्रीय चर्चा में ला दिया है — एक ऐसी धरती के रूप में जो न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरी है, बल्कि आदर, संस्कृति और आत्मीयता की मिसाल भी पेश करती है।


