
रुद्रपुर/हल्द्वानी – उधम सिंह नगर जीएसटी विभाग की कार्यशैली इन दिनों सवालों के घेरे में है। हल्द्वानी में एक ट्रांसपोर्टर के गोदाम पर डिप्टी कमिश्नर द्वारा की गई कार्रवाई अब विभाग की साख पर सीधा असर डाल रही है।
मामला 5 अक्टूबर 2025 का है, जब सुबह करीब 10:30 बजे रुद्रपुर से आई जीएसटी टीम ने हल्द्वानी के मंगल पड़ाव, गली नंबर-1 स्थित ट्रांसपोर्टर डिंपल पांडे के गोदाम पर औचक छापा मारा। करीब पांच घंटे तक चली जांच में किसी भी तरह की अनियमितता सामने नहीं आई, बावजूद इसके टीम ने वाहन समेत माल को जब्त कर गौलापार स्थित विभागीय कार्यालय में खड़ा करवा दिया।
सूत्र बताते हैं कि जब वाहन रिलीज को लेकर बातचीत की गई, तो डिप्टी कमिश्नर विनय ओझा ने हल्द्वानी जीएसटी अधिकारियों पर नई टीम बनाकर “नई कार्यवाही” करने का दबाव बनाया। तीन दिन के भीतर दो बार की छापेमारी ने व्यापारिक जगत में नाराजगी की लहर पैदा कर दी है।
व्यापारियों का आरोप है कि यह पूरी कार्रवाई “व्यक्तिगत स्वार्थ और दबाव में की गई” प्रतीत होती है।
ट्रांसपोर्टर डिंपल पांडे का कहना है कि वाहन में बुक किए गए माल की वास्तविक मात्रा से कम दिखाया गया और रिलीज के नाम पर ‘दीवाली गिफ्ट’ की मांग की गई।
व्यापारी वर्ग अब यह सवाल उठा रहा है कि —
> “जब उधम सिंह नगर में करोड़ों के टैक्स चोरी के केस लंबित हैं, तो फिर डिप्टी कमिश्नर को हल्द्वानी में छापा मारने की क्या आवश्यकता पड़ी?”
सूत्रों के अनुसार, विनय ओझा पर यह भी आरोप है कि वे राज्य कर आयुक्त सोनिका मीणा के करीबी हैं और इसी निकटता के चलते विभागीय सीमा से बाहर जाकर भी कार्रवाई कर रहे हैं।
फिलहाल, ट्रांसपोर्टर डिंपल पांडे ने न्याय की मांग करते हुए माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
पूरा मामला नैनीताल जिले में चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है और विभाग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहा है।

