हल्द्वानी_राज्य स्थापना दिवस पर बुद्ध पार्क में ‘उत्तराखंड 25 साल क्या हाल’ विषय पर परिचर्चा

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हल्द्वानी – शहर के बुद्ध पार्क में विभिन्न संगठनों ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के 25 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया, इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड 25 साल क्या हाल विषय पर परिचर्चा की कार्यक्रम का संचालन यतीश पंत ने किया, कार्यक्रम में सर्व प्रथम शहीदों के लिए मौन रखा गया और कार्यक्रम का अंत राज्य आंदोलन के दौरान गाए गए गीत लड़ना है।

भाई यह तो लंबी लड़ाई है के साथ सम्पन्न किया गया, कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज से 25 वर्ष पूर्व राज्य के छात्र नौजवानों महिलाएं मजदूर किसान मेहनतकश सभी लोगों ने अपनी अहम भूमिका निभाई, तमाम लोगों ने राज्य आंदोलन के दौरान अपनी शहादते दी इन संघर्षों में जाति धर्म का कोई भेद नहीं देखा गया।

इन 25 वर्षों बाद राज्य के हालात काफी बदतर होते चले गए आज भी छात्र को शिक्षा के लिए बड़े शहरों महानगरों की ओर राज्य से रुख करना पड़ता है क्लस्टर (मर्ज) विघालय के नाम नाम पर सरकारी स्कूल बंद करने की घोषणाएं चल रही है इनमें गरीब मेहनतकश छात्र ही शिक्षा से बाहर होने है, रोजगार के हालात लगातार बदतर होते चले गए हैं, पेपर लीक ने इन समस्याओं को और गहराया है।

महिलाओं के मामले में आज भी अंकिता भंडारी महिमा सेठ प्रीति शर्मा हत्याकांड जैसे मामले हुए जिनमें अभी भी इंसाफ नहीं मिला, दलितों के ऊपर आज भी जाति के तौर पर भेदभाव किया जाता है, जगदीश हत्याकांड से लेकर तमाम जगह देखा जा सकता है हिन्दू मुस्लिम के नाम पर समाज को बांटा जा रहा है इस समाज का जो सौहार्दपूर्ण भाईचारा था उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

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मजदूर किसान मेहनतकश कर्मचारी छोटे व्यापारियों के हालात कमोबेश यही हैं, वक्ताओं ने कहा राज्य सरकार द्वारा रजत जयंती मनाई जा रही है यह रंजत जयंती इस राज्य के अमीरों और सरकार में बैठे हुए लोगों के लिए हैं जहां पर धन्ना सेठों से लेकर ठेकेदारों माफियाओं ने राज्य में अपनी तिजोरियां भरी है यहां की संघर्षरत जनता राज्य आंदोलन के दौरान और आज 25 साल बाद भी छली ही गई है ऐसे में हम सभी संघर्षरत मेहनतकश लोगों को एकजुट होना होगा और इस राज्य के सपनों को साकार करने के लिए कमर कसनी होगी।

अपने संघर्षों अपनी लड़ाईयों को भविष्य में बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार महिलाओं की बराबरी सुरक्षा मजदूर किसानों के हालात बदलने भोजन माता आंगनबाड़ी आदि के जीवन को बदलने के अपने संघर्षों को लक्षित करना होगा हमारे सामने आजादी के आंदोलन से लेकर उत्तराखंड के आंदोलन की विरासत है इस विरासत को आगे लेकर जाना होगा और भगतसिंह के सपनों के भारत का निर्माण करना होगा जहां वास्तविक रूप से बराबरी क़ायम होगी तभी हम अपने देश राज्य के अंदर इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।

कार्यक्रम में मानवाधिकार रक्षा अभियान, परिवर्तनकारमी छात्र संगठन (पछास) भीम आर्मी, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन जन मैत्री संगठन,मूल निवासी टे्ड यूनियन आदि संगठनों ने हिस्सा लिया ‌।


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