हल्द्वानी – (आरिश सिद्दीकी) हल्द्वानी के कुसुमखेड़ा स्थित उजाला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से हरिपुर नायक निवासी भुवन फुलारा की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उचित इलाज न मिलने और डॉक्टरों की गैर मौजूदगी के कारण उनके लाडले की जान चली गई।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्हें लगातार गुमराह किया गया। उनका आरोप है कि पांच दिन तक अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मरीज का इलाज किया जाएगा, लेकिन छठे दिन उन्हें बताया गया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है।
मृतक के परिजनों ने कहा, ‘जब हम अस्पताल आए तो वहां डॉक्टरों के नाम और फोटो लगे थे, लेकिन हकीकत में हमें कोई उचित इलाज नहीं मिला।’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बातें महज दिखावा हैं, जबकि निजी अस्पताल मनमाने तरीके से पैसे वसूल रहे हैं।
परिजनों ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि जन औषधि केंद्र में जो दवाइयां मात्र 80 रुपये में मिलती हैं, उन्हें अस्पताल में 800 रुपये में बेचा गया।
परिजनों ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों से मामले की जांच की मांग करते हैं और इस मामले को कुमाऊं कमिश्नर के समक्ष भी रखेंगे। हालांकि परिजनों में काफी रोष है और अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।