हल्द्वानी_मानवता का परिचय यह सच्ची कहानी, पढ़े कैसे एक बिछड़ा युवक लगभग 4 महीने मे अपने परिजनों से मिला

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हल्द्वानी – 16 दिसंबर 2023 की शाम लगभग 6 बजे हल्का कोहरा लगा हुआ था,लामाचौड़ फतेहपुर के बीच यह युवक सर्दी में कंपकपा रहा था,युवक पर नज़र पड़ी तो पास जाकर पूछताछ में युवक विक्षिप्त सा लगा। मैं व छोटा भाई विपिन इसे मानस सेवा केंद्र ले गये,जहाँ मानस सेवा केंद्र ने भी मानवता का परिचय देते हुये इसे भर्ती कर लिया।

समय बीतता गया,सेवा केंद्र के अनुभवी डॉक्टर्स, डॉक्टर गोदियाल जी व गणेश मेवाड़ी जी की देखरेख व पौषटिक आहार मिलने से युवक कुछ हद तक ठीक हो गया और अपना आधा- अधूरा नाम व पता बता सका,युवक ने अपना नाम फरहान अंसारी पिता का नाम बबलू अंसारी बताया पता पूछने पर कभी अल्मोड़ा कभी पिथौरागढ़ बता रहा था,दोनों ही जगह काफ़ी ढूंढ खोजने पर यह युवक अल्मोड़ा का निकला। इससे आगे के लिये मैंने हल्द्वानी निवासी जिया उद्दीन कुरैशी जी से सम्पर्क किया,उन्होंने अपने परिचित अल्मोड़ा निवासी नूर खान भाईसाहब से मदद मांगी,नूर खान जी ने काफ़ी खोजबीन के बाद युवक के परिवार को खोज निकाला।

पता चला की युवक की माँ का देहांत हो चुका है और पिता एक छोटा सा ठेला लगाकर सब्जी आदि बेचते हैँ। दिनांक 25 अप्रैल को मानस सेवा केंद्र से हम इसे डिस्चार्ज कराकर अल्मोड़ा ले गये और युवक को इसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया। पिता पुत्र के इस संगम में बाळ कल्याण संरक्षण की बड़ी बहन मीता उपाध्याय जी व अल्मोड़ा पुलिस प्रशासन का बहुत सहयोग रहा,आपका धन्यवाद आभार।

एक बात और कहना चाहूंगा,यह परिवार बेहद दयनीय हालत में अपना गुजर बसर कर रहा है। अल्मोड़ा क्षेत्र के सभी संभरान्त,सामाजिक लोगों से अपील करता हूँ,कृपया इनकी मदद को अपने हाथ आगे बढ़ायें,इनका ठौर ठिकाना रैमजे स्कूल के आसपास है। मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं


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