हल्द्वानी_सड़क चौड़ीकारण हेतु तोड़फोड़ पर फिल्हाल 10 दिनो की राहत हाईकोर्ट से इन लोगो को!

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हल्द्वानी- सड़क चौड़ीकारण हेतु तोड़फोड़ पर फिल्हाल 10 दिन की राहत हाईकोर्ट से इन लोगो को! जी हाँ मंगल पड़ाव से रोडवेज तक 102 दुकानदार होटल रेस्टोरेंट इत्यादि को नगर निगम द्वारा निशान लगाए गए है जिसमे सड़क के सेंटर से 12 मीटर लेफ्ट 12 मीटर राइट करनी है जिसके खिलाफ चार लोगो ने हाईकोर्ट नैनीताल में अपील करी जिसपर निर्णय ये आया। कि सड़क चौड़ीकारण हेतु तोड़फोड़ पर फिल्हाल 10 दिन की राहत हाईकोर्ट से इन लोगो को!

विध्वंस की कार्रवाई पर लगा दी रोक

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी स्थित होटल हैप्पी होम, ओके होटल, और अन्य सम्पत्ति मालिकों को राहत देते हुए विध्वंस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अब 10 दिन तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकेगी। न्यायमूर्ति पकंज पुरोहित की शीतकालीन पीठ ने चार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सोमवार 5 फरवरी को यह आदेश पारित किया। होटल हैप्पी होम, ओके होटल, सनप्रीत सिंह और नरेन्द्र सिंह भसीन की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर हल्द्वानी नगर निगम के गत आठ जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें नगर निगम की ओर से उपरोक्त संपत्तियों के कुछ हिस्सों को अवैध मानते हुए गिराने के आदेश पारित कर दिये गये थे। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि नगर निगम द्वारा गैर कानूनी ढंग से कार्यवाही की जा रही हैं। न्यायालय में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता संप्रित सिंह ने पैरवी की। उन्होने अदालत को बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट और नगर आयुक्त की अगुवाई में गठित समिति ने विगत तीन फरवरी को उनकी प्रत्यावेदन पर सुनवाई के बाद उनकी संपत्तियों को गिराने के आदेश पारित कर दिये।याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत से तीन फरवरी के आदेश को चुनौती देने के लिये समय की मांग की गई। अदालत ने ओके होटल, होटल हैप्पी होम और नरेन्द्र सिंह भसीन के मामले में 10 दिन की मोहलत देते हुए फिलहाल विध्वंस की कार्रवाई पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ताओं को 10 दिन के अदर समिति के तीन फरवरी के आदेश को चुनौती देने को कहा है। साथ ही निगम को तब तक कोई कार्यवाही नहीं करने को कहा है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता सनप्रीत सिंह के प्रत्यावेदन पर 7 दिन के अदंर कार्यवाही करे और विपरीत निर्णय की स्थिति में याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह 10 दिन के अदंर कमेटी के आदेश को चुनौती दे सकता है। तब तक नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर सकेगा।


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