हल्द्वानी_चुनावी बांड के तहत मिले चंदे का ब्यौरा क्यों नहीं किया जा रहा सार्वजनिक-कांग्रेस

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हल्द्वानी-(ज़फर अंसारी) उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद भी भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बांड के तहत मिले चंदे व दान दाताओं के ब्यौरे को भाजपा सरकार के दबाव में सार्वजनिक नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसबीआई की कुसुमखेड़ा स्थित शाखा के आगे बैठ कर प्रदर्शन किया कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार की इस कदर मनमानी चल रही है कि वह सु्प्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर उतर आई है।कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी भाजपा को डर है कि उसके चंदा देने वाले मित्रों की जानकारी सार्वजनिक होते ही उसकी बेईमानी और मिलीभगत का भंडाफोड़ हो जाएगा जिसकी वजह से मामले को दबाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार अपने संदिग्ध लेन-देन को छिपाने के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है वक्ताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक, आरटीआई का उल्लंघन और अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था। साथ ही एसबीआई को छह मार्च तक दान दाताओं का ब्यौरा देने को कहा था। लेकिन भाजपा चाहती है कि लोकसभा चुनाव के बाद 30 जून के बाद ही इसे जारी किया जाए तब तक वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो जाएगा। वहीं सवाल खड़े करते हुए कहा कि एसबीआई को सिर्फ 22,217 चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए पांच माह का समय क्यों चाहिए और जानकारी देने की अंतिम तिथि से पहले एसबीआई क्यों जागा, बैंक पर कौन दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि देश की जनता अब अच्छे से समझ रही है कि किस तरह से सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं पर दबाव डालकर सच्चाई को छिपाया जा रहा है।


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