
हरिद्वार – कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में हाथियों की लगातार हो रही मौतों पर चिंता जताते हुए जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग और वन विभाग को आपसी समन्वय के साथ प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि जनपद में हाथियों के कॉरिडोर क्षेत्रों में कई स्थानों पर खुले ट्रांसफार्मर और नीचे लटकी विद्युत लाइनें गंभीर खतरा बनी हुई हैं, जिससे हाथियों की जान जा रही है। उन्होंने बताया कि रात के समय हाथियों का मूवमेंट अधिक रहता है, ऐसे में विद्युत सुरक्षा इंतज़ामों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस पर जिलाधिकारी ने यूपीसीएल अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी हाथी कॉरिडोरों का सर्वे कर एक रिपोर्ट तैयार करें, और जहां भी ट्रांसफार्मर खुले हैं उनकी फेसिंग कराई जाए। साथ ही जिन ट्रांसफार्मरों या विद्युत लाइनों की ऊंचाई मानक से कम है, उन्हें तुरंत मानक ऊंचाई पर स्थापित किया जाए।
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि 29 सितंबर को किसान द्वारा खेत में करेंट छोड़ने से एक हाथी की मौत के मामले में संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। इसी प्रकार बहादराबाद क्षेत्र में नदी किनारे विद्युत लाइन की ऊंचाई कम होने से हुई हाथी की मृत्यु पर भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
उन्होंने जगजीतपुर क्षेत्र का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि देर रात हाथियों के मूवमेंट के दौरान स्थानीय लोग उन्हें परेशान न करें और तेज आवाज़ न करें। यदि चेतावनी के बाद भी कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर.के. सिंह, एसडीओ पूनम कैथोला, रेंज ऑफिसर एस.एस. नेगी, ईई यूपीसीएल दीपक सैनी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।


