
रुद्रपुर – ईदगाह मैदान से अतिक्रमण हटाने की हाल की कार्यवाही के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में महत्वपूर्ण अंतरिम राहत प्रदान की है। अदालत ने ईदगाह कमेटी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम रुद्रपुर द्वारा कब्जे में ली गई लगभग आठ एकड़ भूमि पर अगली आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत का यह निर्णय फिलहाल मामले पर स्थिति यथावत बनाए रखने का निर्देश माना जा रहा है।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद शहर में राजनीतिक हलचल भी देखने को मिली। सिटी क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस से जुड़े कई स्थानीय प्रतिनिधि और पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान पार्षद परवेज कुरैशी, पार्षद प्रतिनिधि बाबू खान, कांग्रेस पार्षद अशफाक अहमद, कांग्रेस नेता अरशद खान सहित अन्य लोगों ने अदालत के आदेश का स्वागत किया।
प्रेस वार्ता में पार्षद परवेज कुरैशी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के समय दिए गए कथित राजनीतिक बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना था कि ऐसे बयान प्रशासनिक कार्रवाई को एकतरफा दर्शाते हैं तथा माहौल को संवेदनशील बनाने का काम कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में कुछ राजनीतिक टिप्पणी उचित नहीं थी और इससे समुदाय विशेष में आहत होने की भावना पैदा हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि जिले और महानगर स्तर पर कांग्रेस संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज नहीं कराई, जिससे स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराज़गी देखी जा रही है। कुरैशी ने दावा किया कि पार्टी नेतृत्व को जमीनी कार्यकर्ताओं की भावनाओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
गौरतलब है कि नगर निगम व जिला प्रशासन ने बीते रविवार सुबह ईदगाह खेड़ा कॉलोनी स्थित भूमि पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करते हुए आठ एकड़ क्षेत्र में सीमांकन किया था। इस कार्रवाई के बाद कई जनप्रतिनिधियों ने इसे प्रशासनिक निर्णय बताते हुए अपनी प्रतिक्रिया मीडिया में साझा की थी।
दूसरी ओर, ईदगाह कमेटी ने इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने फिलहाल मामले में रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहर की राजनीतिक गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है, वहीं स्थानीय लोगों में अदालत के अंतिम निर्णय को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।


