C.A.A., N.P.R.और N.R.C. की तैयारी कैसे करें?

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न्यायमूर्ति श्री जी. एम. अकबर अली ने C.A.A., N.P.R. और N.R.C. को बहुत अच्छे और साफ तरीके से समझाया है।

👇🏻कृपया इस विवरण को ध्यान से पढ़ें और दूसरों के साथ भी शेयर करें।

नागरिकता अधिनियम 1955 किसी व्यक्ति के भारत का कानूनी नागरिक होने के बारे में क्या कहता है?

👇🏻निम्नलिखित कार्य करें:

1.- अपने घर में सभी की जन्मतिथि नोट करें।

2.-इन जन्मतिथियों को तीन भागों में बांट लें।

(A) जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ हो।

(B) जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 31 दिसंबर 2004 के बीच हुआ हो।

(C) जिनका जन्म 31 दिसंबर 2004 के बाद हुआ हो।

3.-1 जुलाई 1987 से पहले जन्म लेने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास जन्म प्रमाण पत्र या पासपोर्ट है। यदि उनके पास इनमें से कुछ भी है, तो उन्हें जन्म से प्रत्यक्ष भारतीय माना जाएगा। उन्हें किसी अन्य प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।

4.-1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे सभी व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास जन्म प्रमाण पत्र हो। यदि उनके पास जन्म प्रमाण पत्र है:

(A) जुलाई 1987 और दिसंबर 2004 के बीच जन्मे माता-पिता में से एक भारतीय होना चाहिए।

(B) जन्मतिथि या नाम, जन्म प्रमाण पत्र और उनके माता-पिता में से किसी एक का पासपोर्ट सत्यापित किया जाना चाहिए। यदि ऐसा है तो उन्हें भी नस्ल के आधार पर भारतीय माना जाएगा। किसी और सबूत की आवश्यकता नहीं है।

5.-31 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे व्यक्ति यदि उनके माता-पिता भारतीय हैं (नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार) और उनके नाम उनके प्रमाण पत्र पर मेल खाते हैं, तो वे मूल रूप से भी भारतीय हैं। किसी और सबूत की आवश्यकता नहीं है।

👆उपरोक्त विवरण के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर की जांच करनी चाहिए और उन लोगों की सूची बनानी चाहिए जिनके पास पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र नहीं है।

◼️पासपोर्ट बनवाने के लिए:

पासपोर्ट आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड के जरिए बनवाया जा सकता है। यह कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है।

◼️जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए:

(A) यदि आपने किसी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है, तो उस क्षेत्र/गांव/तालुका/निगम कार्यालय पर जाएं जहां अस्पताल स्थित है और अपने विवरण के साथ वहां आवेदन करें। ये भी आसानी से हो जाता है. इसकी फीस मात्र 200 रुपये है।

(B) यदि किसी का जन्म घर पर हुआ है, तो नोटेरी किया हुआ एफिडेविट तैयार करवाए कि आपके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। फिर इसे अपने गांव/तालुका/निगम कार्यालय में जमा करें। यह कार्यालय आपको इस बात का प्रमाण देगा कि आपके पास वास्तव में जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। इस साक्ष्य को सहकारी जिला न्यायालय में जमा करें। वहां आपसे 200 रुपये प्रति वर्ष का जुर्माना लिया जाएगा और एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

बस यह काम अब पूरा हुआ।

अगर आपका ये कागजी काम पूरा हो गया हो तो आप आस पास के लोगो की भी इस काम में मदद करें और उन्हें किसी और की मदद करने के लिए कहें। अल्लाह ने चाहा तो इस तरह हम समाज में किसी को छोड़े बिना सबके लिए भारतीयता का कानूनी दस्तावेज तैयार कर सकते हैं।

लेखक: पी. सैयद इब्राहिम

(एडवोकेट)

 उच्च न्यायालय, चेन्नई

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एम सलीम खान प्रभारी संपादक कुमाऊं मंडल उत्तराखंड


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