जिले में मजबूत नहीं कांग्रेसी किला तो जोशी के कौन देगा मजबूत नेतृत्व बेहड या आर्या निभाएंगे अहम जिम्मेदारी

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एम सलीम खान प्रभारी संपादक

ऊधम सिंह नगर – लोकसभा चुनाव 2024 अपने पूरे शबाब पर है, जहां एक तरफ सत्तारुढ़ भाजपा पूरे दमखम से नैनीताल ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद अजय भट्ट को दूबरा मैदान में उतर चुकी है, तो वहीं कांग्रेस ने भी अंतिम क्षणों में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को चुनावी रण में अंजय भट्ट के मुकाबले उतारा दिया है, लेकिन जोशी का सफर बेहद मुश्किल भरा होता नजर आ रहा है , जहां एक तरफ सत्तारुढ़ भाजपा कांग्रेस की राहों में कांटे बिछा रही है तो वहीं संगठन की आपसी खींचतान भी प्रकाश जोशी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकतीं हैं, बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की विधायक उम्मीदवार मीना शर्मा भी इसी खींचतान का शिकार हो चुकी है, उस समय कांग्रेस कमेटी के मौजूदा जिला अध्यक्ष हिमांशु गावा ने गुजरे विधानसभा चुनावों में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई,जिसका अंजाम यह हुआ कि मीना शर्मा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था, चूंकि अब लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा के कंधों पर काफी दारोमदार है, लेकिन उसकी भुमिका पर खुद कांग्रेसी नेता ही बड़े सवाल उठा रहे हैं, कांग्रेस लगातार हार का सामना कर रही है, निगम चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था,उस समय आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नन्द लाल को कांग्रेस ने पार्टी की ओर से टिकट दिया, वहीं नंद लाल इससे पहले कांग्रेस में ही थे,उस दौरान कांग्रेस कमेटी महानगर की कामना पूर्व अध्यक्ष जगदीश तनेजा के हाथों में थी, लेकिन उन्होंने निगम के चुनावों में किसी तरह की सक्रियता नहीं दिखाई,जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस औंधे मुंह गिर गई, उसके बाद कांग्रेस को एक ओर तगड़ा झटका उस समय लगा जब मीना शर्मा भाजपा उम्मीदवार शिव अरोरा के हाथों शिकस्त खा बैठीं,अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में कांग्रेस किस नतीजे पर पहुंचेगी,यह तो समय पर ही बताएगा। लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा को सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है।

यह है वजह

दरअसल हिमांशु गावा ने कांग्रेस कमेटी का जिलाध्यक्ष पद ग्रहण करते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से दूरी बनाना शुरू कर दिया, पुराने कांग्रेसियों को छोड़कर उन्होंने अपनी जमात में नये चेहरों को बहुत से महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान कर दिया, जबकि उन्हें कांग्रेस को एक सनतराश की लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखाई, और पुराने कांग्रेसियों को दर किनार करते हुए नये और चाहते लोगों को पदों पर भर्ती कर लिया,यह बात पुराने कांग्रेसियों के दिल को छू गई, उन्होंने भी पार्टी से किनारा करना उचित समझा।

कोई भी तजुर्बेकार कांग्रेसी नेता नहीं जिला कांग्रेस कमेटी के पास

अगर जिला कांग्रेस कमेटी की फेहरिस्त उठा कर देखी जाए तो जिला कांग्रेस कमेटी में तजुर्बेकार कांग्रेसी नेता की कमी साफ नजर आएंगी, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कांग्रेस में तजुर्बेकार नेताओं की कमी है, आंकड़ों को देखा जाए तो कांग्रेस में ऐसे बहुत से नेता हैं जिसके पास बेहतर चुनावी रणनीति का तजुर्बा है, मिसाल के तौर पर कांग्रेस के पास डा अंजय सिंह, अमरनाथ जैन, गोपाल भसीन, साजिद खान, सलीम अहमद खां,डा पीके शर्मा, पुष्कर राज जैन, पप्पू शाही, महेंद्र पाल सिंह, जैसे धुरंधर नेता हैं, लेकिन इन सभी को दर किनार कर दिया गया।

तो बेहड और आर्या निभाएंगे अहम भूमिका

कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी को लोकसभा चुनावों में जीत की दहलीज़ तक पहुंचने की अहम जिम्मेदारी अब पूर्व मंत्री और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड और नेता प्रतिपक्ष बाजपुर विधायक यशपाल आर्या, खटीमा विधायक उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, जसपुर विधायक आदेश चौहान, विधायक गोपाल सिंह राणा के कंधों पर है, दर असल जिला कांग्रेस कमेटी में जमीनी कार्यकर्ताओं की भारी कमी है, जबकि बेहड के खेमे में कार्यकर्ताओं की लंबी फेहरिस्त है,इन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जमीन पर उतर कर भाजपा से मुकाबला करना होगा, ताकि कांग्रेस अपने संगठन के अस्तित्व को बचा सकें, इसके लिए विधायक तिलक राज बेहड, यशपाल आर्या, आदेश चौहान, भुवन कापड़ी, गोपाल सिंह राणा खुद अगर सड़कों पर उतर आए तो कांग्रेस के लिए बेहतर होगा, चूंकि जिला कांग्रेस कमेटी में शामिल सभी नये चेहरों पर स्थानीय मतदाता ज्यादा अच्छे से भरोसा नहीं कर पा रहे हैं, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है।

महानगर कांग्रेस कमेटी का भी अता पता नहीं

भले ही महानगर कांग्रेस कमेटी की भागदौड़ जगदीश तनेजा से छीन सीपी शर्मा को सौंप दी गई है, लेकिन सीपी शर्मा लंबे अर्से के बाद भी एक मजबूत टीम बनाने अब तक असफल साबित हुए हैं, ऐसे में सवाल यह है कि अब तक सीपी शर्मा और हिमांशु गावा ने एयर कंडीशनर में बैठकर सिर्फ घर की राजनीति का इतिश्री किया है, सड़कों पर उतरकर उन्होंने सिर्फ मीडिया की सुर्खियों को बटोरने का प्रयास किया है, अगर हकीकत देखीं जाएं तो इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति बनाने में गंभीरता नहीं दिखाई है, ऐसे में कांग्रेस का क्या होगा यह तो समय पर ही सबके सामने आ ही जाएगा, फिलहाल कांग्रेस के आला नेताओं को इस मामले में गहनता से विचार करने की जरूरत है।


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