
रुद्रपुर -(एम सलीम खान, संवाददाता) एक महिला न्यायाधीश के विरुद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर आपत्तिजनक व अमर्यादित टिप्पणियाँ करने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट रिज़वान अंसारी की अदालत ने आरोपी को तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने आरोपी पर कुल 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सहायक अभियोजन अधिकारी बसंती गिरी के अनुसार, प्रथम अपर सिविल जज कार्यालय में कार्यरत लिपिक राजीव ठाकुर ने 28 दिसंबर को साइबर थाना रुद्रपुर में मुकदमा दर्ज कराया था।
शिकायत में बताया गया कि बिलासपुर, जनपद रामपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी हरजीत सिंह, जिन पर पहले से दो मामले विचाराधीन हैं, ने 30 मार्च 2022 से 6 नवंबर 2022 के बीच अपनी फेसबुक आईडी से महिला न्यायिक अधिकारी के विरुद्ध लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं।
आरोप है कि आरोपी ने न केवल महिला न्यायाधीश, बल्कि उनके परिजनों से संबंधित भी अमर्यादित पोस्ट डालीं। इसके अलावा उसने हिडन कैमरे से न्यायिक कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कर उसे सोशल मीडिया और यूट्यूब पर अपलोड किया तथा कुछ न्यायिक अधिकारियों के संबंध में भी अनुचित टिप्पणियाँ कीं। कई बार नोटिस और चेतावनी दिए जाने के बावजूद आरोपी ने अपने व्यवहार में सुधार नहीं किया।
मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट रिज़वान अंसारी की अदालत में हुई। एपीओ बसंती गिरी ने अदालत में आठ गवाह प्रस्तुत किए, जिनके आधार पर आरोप सिद्ध हुए। न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि आरोपी शिक्षित व्यक्ति होते हुए भी गंभीर और अमर्यादित कृत्यों में लिप्त पाया गया है, इसलिए वह किसी प्रकार की उदारता का पात्र नहीं है।
अदालत ने आरोपी हरजीत सिंह अनेजा को निम्न दंड सुनाए:
धारा 504 IPC के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास व 5,000 रुपये जुर्माना
धारा 509 IPC के तहत तीन वर्ष का साधारण कारावास व 5,000 रुपये जुर्माना
अदालत ने आदेश दिया कि सभी सजाएँ एक के बाद एक क्रम से चलेंगी। यदि अभियुक्त ने किसी अवधि के लिए पहले जेल में समय बिताया है, तो उसे विधिवत समायोजित किया जाएगा।


