निशुल्क नहीं नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए देने होंगे 90 हजार रुपए तब कहीं जाकर मिलेगा मालिकाना हक

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रुद्रपुर – लंबे अर्से से नजूल भूमि पर मालिकाना हक दिलाने की कवायद में जुटी सरकार ने इस मामले को लेकर आखिर अमलीजामा पहना दिया, लेकिन नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए नजूल भूमि पर कब्बीज लोगों को क्या हकीकत में नजूल भूमि पर मालिकाना निशुल्क दिया जा रहा है,इस बात को लेकर अब चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 मार्च को करीब 2600 परिवारो को निशुल्क स्वामित्व के पट्टे का वितरण किया, जिसके बाद रुद्रपुर में नजूल भूमि पर कब्बीज लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई, लेकिन क्या सरकार ने इस मामले में निशुल्क मालिकाना हक नीति बनाई है,इस पर अभी भी स्थिति सवालों के घेरे में है, वहीं इस मामले को लेकर एक स्थानीय यू ट्यूब चैनल का कहना है कि नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए लोगों को करीब 90 हजार रुपए का भुगतान करना होगा, इसमें स्टाफ शुल्क सहित अन्य करो का भुगतान शामिल हैं,

सरकारी दावे कहाँ तक हकीकत

सरकार सहित निर्वाचन सांसद अजय भट्ट, विधायक शिव अरोरा, निर्वातमान मेयर रामपाल सिंह सहित भाजपा के बहुत से दिग्गजों का दावा है कि धामी सरकार नजूल भूमि पर बैठे लोगों को निशुल्क मालिकाना हक दे रही है, जबकि हकीकत इससे परे है, मतलब नजूल भूमि पर मालिकाना हक लेन के लिए लोगों को करीबन 90 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा,तब कहीं जाकर उन्हें मालिकाना हक मिलेगा, इसमें स्टाम्प ड्यूटी सहित अन्य शुल्कों को अदा करना पड़ेगा,

विधायक शिव अरोरा के कथन अनुसार निशुल्क मालिकाना हक

रुद्रपुर से भाजपा विधायक शिव अरोरा की मानें तो उन्होंने इस मामले को लेकर बड़ी बड़ी बाते कही थी,उनका दावा था कि धामी सरकार गरीब परिवारों को नजूल भूमि पर मालिकाना निशुल्क दे रही है, जबकि इसके लिए उन्हीं परिवारों को 90 हजार रुपए का भुगतान करना होगा, जिसके बाद उन्हें मालिकाना हक मिल सकेगा,

पूर्व विधायक ठुकराल की चुप्पी पर सवाल

नजूल भूमि अधिग्रहण हक को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने भी इस मुद्दे पर अहम भूमिका निभाई थी, उन्होंने तो शहर में जमकर पर्चे बांटे थे, जिसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर सदन में भी जोर दिया था कि नजूल भूमि पर कब्बीज लोगों को निशुल्क मालिकाना हक दिया जाएं, लेकिन अब जब नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए लोगों को 90 हजार रुपए का शुल्क अदा करने की बात सामने आई है तो पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भी इस मामले पर चुप्पी साधना ही बेहतर समझ रहे हैं।

संवाददाता- एम सलीम खान की रिपोर्ट


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