कालाढूंगी – (मुस्तज़र फारूकी) जंगली हाथियों से तो किसान परेशान हैं लेकिन अब आवारा छुट्टा सांडो से किसानों की रातें फसलों की रखवाली में गुजर रहीं हैं। आवारा जानवर कुछ ही देर में पूरी फसल तहस नहस कर जाते हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। किसानों के द्वारा बताया गया। कि छुट्टा सांडो के द्वारा फसल को नुकसान पहुंचा रहे है इनको बम पटाके फोड़कर भगाया जा रहा है इसके बाद भी सांड खेत के आसपास डेरा जमाए हुए हैं। रात को भी फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों ने खेतों में ही आशियाना बना लिया है। किसानों की परेशानी का आलम ये है कि आवारा पशु फसल को बुरी तरह तहस नहस कर देते हैं। इससे किसानों की कमाई बर्बाद हो जाती है।
फसल की रखवाली में किसान अपनी जान को दांव पर लगा रहे हैं। नगर के वार्ड नंबर 6,7 में अधिकांश खेतों में तमाम तरह की फसल है। खेतों के चारों तरफ कंटीले तार लगाए हैं। इसके बावजूद आवारा गोवंश खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
नगर की सड़कों पर लावारिस सांडों का आतंक आज भी बरकरार है। आवारा सांड कब सींग हिलाते हुए आपके सामने यमदूत की तरह खड़े हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। सड़कों पर घूम रहे लावारिस सांड आपको पलभर में अपने सींगों पर उठाकर अस्पताल पहुंचा सकते हैं। नगर की मुख्य मार्ग पर सांड बीच रोड में ही बैठे दिखाई दे जाएंगे जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। सड़कों के बीचोबीच बैठे सांड कई बार छोटी-छोटी घटनाओं का कारण बन चुके हैं। कई बार तो ये सांड आपस में लड़ते हुए कई वाहन चालकों को बुरी तरह से घायल कर अस्पताल तक पहुंच चुके हैं। लावारिस सांडों के कारण सबसे ज्यादा समस्या नगर के वार्डो में भी उत्पन्न होती है जब लावारिस सांड घूमते हुए लोगों के सामने मौत बनकर खड़े हो जाते हैं और लोगों को समझ नहीं लगती की वह क्या करें। नगर में अभी भी आधा दर्जन से अधिक सांड मौत बनकर घूम रहे हैं।