कालाढूंगी_नमाज़े जुमा अदा कर नम आँखों से माहे रमज़ान को कहा अलविदा

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कालाढूंगी – (मुस्तज़र फारुकी) माह-ए-मुबारक रमजान का आखिरी जुमा यानी अलविदा को शहर की जामा मस्जिद के साथ ही शहर की तीनों मस्जिदें रोजेदारों की तादात के सामने छोटी पड़ गईं। हर एक रोजेदार की आंखे रमजान की विदाई पर नम नजर आईं। हजारों की तादात में रोजेदारों ने सजदे में सिर झुकाया।

खुदा की इबादत के जज्बे से लबरेज रोजेदारों ने मुल्क की तरक्की व खुशहाली के लिए दुआ की। सुबह से ही शुरू तैयारी जुमा अलविदा की तैयारियां शहर में सुबह से ही शुरु हो गई थीं। रोजेदारों ने नई टोपी और नया लिबास पहन रखा था।

इत्र की खुशबू महक रही थी। जुबान पर अल्लाह का जिक्र करने के साथ ही रोजेदारों ने सुबह से ही मस्जिदों का रुख कर लिया था। पहली सफ में जगह पाने का उत्साह सुबह 11 बजे से ही रोजेदार मस्जिदों में पहुंचने शुरू हो गए थे। पहली सफ में जगह पाने के लिए सभी लोगों में उत्साह नजर आ रहा था।

लबों पर दरूद-ए-पाक का विर्द था। नजरों में अल्लाह से बख्शीश की गुहार झलक रही थी। सभी की आंखों में अल्लाह की रहमत की बारिश का इंतजार था। जामा-मस्जिद में रही भारी तादात शहर की जामा मस्जिद पूरी तरह भरी नजर आई। जगह पर्याप्त न होने के चलते तमाम लोगों को मस्जिद परिसर के बगीचे की पेड़ों छाओ में बैठाया गया। इसी के साथ ही सड़कों में लोग भी पूरी तरह से भरी नजर आईं।

धूप की तपिश में लोगों की जुबान पर अल्लाह का जिक्र था। हर कोई आज खुदा की रहमतें लूटने आया था। रोजेदारों से भरी रहीं मस्जिदें शहर के जामा मस्जिद मोती मस्जिद मदीना मस्जिद आदि समेत सभी मस्जिदें रोजेदारों से भरी रहीं। दुआ में अमन की अपील ऐ अल्लाह! तू हम सबकी परेशानियों को दूर फरमां। हमने जो पूरे रमजान इबादत की है, रोजे रखे हैं, तू उसे अपनी बारगाह में कुबूल फरमां।

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हमारे देश में अमन और खुशहाली अता कर। हमारे देश को बुरी नजरों से बचा। कौम की तरक्की कर और सभी को ईद की खुशियां अता फरमां। रोजेदारों को नहीं महसूस होने दी परेशानी जामा मस्जिद में नमाज अदा करने आने वाले रोजेदारों को वजू की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इस मौके पर पुलिस प्रशासन भी सतर्क नज़र आया।


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