
ब्यूरो ऊधम सिंह नगर
एम सलीम खान पूर्व विशेष सदस्य विकलांग जन परामर्शदात्री समिति उत्तराखंड सरकार
रुद्रपुर – साल 2021 में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत रेशम बाड़ी में एक मासूम नाबालिग किशोरी अलीशा का शव उसकी घर में फांसी के फंदे लटका मिला था, जिसके बाद पूरे शहर में सनसनी फ़ैल गई, अलीशा के पिता अशरफ सिडकुल पंतनगर में चाय बेचने का फंड लगाते हैं इसी काम से वो अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, और अलीशा की मां नन्ही खेड़ा ईदगाह मैदान में बच्चों की खाने पीने की चीजों को बेचकर अपने पति अशरफ पर परिवारिक खर्च का बोझ कम करती है अशरफ के परिवार उनकी दो बेटियां अलीशा जिसकी की हत्या कर दी गई है और दूसरी बेटी आयशा और दो मासूम बेटे हैं,
अशरफ रात दिन एक कर मेहनत करते हैं जिस समय अलीशा को मौत के घाट उतार दिया गया उस समय अशरफ एक टीन शेड के मकान में बतौर किरदार के रूप में रहते थे, तंग कमरे में बमुश्किल गुजरा कर रहे थे,टीन का दरवाजा शौचालय में भी टीन का दरवाजा मसलन उस घर में कोई व्यक्ति पूरी आजादी के साथ सही से खड़ा तक नहीं हो पाता यह कोई अंदाजा नहीं बल्कि यथावत स्थिति के हम खुद चमश्दीद है, अलीशा एक निजी स्कूल में पढ़ाई करने बड़े जोश से लबरेज होकर जाती थी, स्कूल प्रशासन की मानें तो अलीशा पढ़ाई में बहुत बेहतर थी, और रूखी सूखी रोटी खा अपना गुजारा कर रहा था लेकिन अगस्त 2021 में अशरफ के परिवार पर कहर बरस गया,23 अगस्त 2021 का बुधवार का दिन अशरफ के लिए काला दिन बन गया।
इसी दिन दोपहर के करीब 3.30 बजे अशरफ के परिवार के लिए एक ऐसी घटना को अंज़ाम दिया गया जो इस परिवार के नासूर बन गया जिसका घाव आज तक इस परिवार के लिए पीड़ा बना हुआ मासूम अलीशा की कब्र के फूल तो सूख गए लेकिन यह नासूर आज भी ताजा घाव बना हुआ है, अशरफ आज भी अपनी मासूम बच्ची की कब्र पर जाकर फूल चढ़ाता है लेकिन दिल के ज़ख्मों को मरहम देने में चार साल बाद भी सफ़ल नहीं हो पाया उसकी पत्नी नन्ही आज भी उस काले दिन को याद करते हुए अपने दिल फ़रेबी आंसुओं को रोक नहीं पाती उसके तीनों मासूम बच्चे जब अपनी बहन अलीशा को याद करते हैं तो आम आदमी का दिल भी फट जाता है आखिर क्या इसकी वजह चलिए विस्तार से समझते हैं,
23 अगस्त 2021 बुधवार को जब अलीशा घर में थी उसी वक्त खेड़ा कालौनी का रहना वाला एक नशेड़ी युवक अफजल पुत्र अय्यूब उर्फ गुड्डू अशरफ के घर में नशे की हालत में जा गुस्सा बताया गया था कि उसके साथ एक और नशेड़ी युवक भी था,अफजल ने मासूम अलीशा के साथ जाने क्या ऐसा किया उसकी आवाज भी नहीं निकल पाई और मासूम अलीशा को इस कथित नशेड़ी अफजल ने उसी के घर में फांसी के फंदे से लटका दिया, अलीशा की दूसरी बहन आयशा का कहना है कि जिस समय यह घटना घटित हुई थी वह घर के शौचालय में थी जब वो बाहर आई तो उसने मामले के संदिग्ध अफजल को घर का दरवाजा तोड़ कर भागते हुए देखा, मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अलीशा का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और इस मामले की जांच महिला उपनिरीक्षक राखी धोनी को सौंपी गई थी,
महिला उप निरीक्षक राखी धोनी ने इस संगीन मामले को आत्महत्या करार देते हुए एफ आई आर संख्या 404/2821 धारा 304-504 में दर्ज कर ली लेकिन उन्होंने जमीनी हकीकत को दर किनार करते हुए इस संगीन मामले को आत्महत्या का रुप दे दिया, और इस मामले के आरोपी अफजल को क्लीन चिट दे दी, मृतका अलीशा के परिवार के के मुताबिक संबंधित जांच अधिकारी ने उनकी एक नहीं सुनी और उनके लिखित बयानो पर उनके हस्ताक्षर कर लिए,वस यही से यह संगीन मामला विवादों में घिर गया और जब पुलिस के इस रवैए की भनक कुछ सामाजिक संगठनों सहित राजनीतिक दलों को लगी तो उन्होंने इसे लेकर मोर्चा खोल दिया और इस संगीन मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया,इसी साल में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार और चीफ सेक्रेटरी उत्तराखंड और राज्य के ग्रह सचिव से मिलकर पुलिस के उदासीन रवैए से अवगत कराया गया,
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मासूम अलीशा को माता पिता को साथ लेकर राज्य के ईमानदार पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से देहरादून जाकर मुलाकात की और मामले से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा कर इस मामले की दूबरा उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए आरोपी अफजल के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने की मांग की इस मामले पर एक्शन लेते हुए पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने रुद्रपुर शहर की एस पी सिटी ममता बोहरा को सख्त हिदायत दी कि इस मामले की पुनः जांच की जाए और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं, हमने जब विकलांग जन परामर्श दात्री उत्तराखंड शासन के पूर्व विशेष सदस्य और वरिष्ठ दिव्यांग नेता एम सलीम खान से दूरभाष पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 27 अगस्त 2021 को इस मामले को लेकर पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार से पुलिस मुख्यालय देहरादून में मुलाकात कर अलीशा हत्याकांड में सीबीआई जांच की मांग की गई थी,
और आरोपी अफजल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी,जिस पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एस पी सिटी ममता बोहरा को पुनः जांच करने के आदेश दिए और जिला पुलिस कार्यलय में तैनात उप निरीक्षक हरीश वर्मा ने इस मामले में पीड़ित परिवार के बयान भी दर्ज किए थे लेकिन उसके बाद पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की इसकी जानकारी नहीं है।
सपा के पूर्व विधायक प्रत्याशी सतपाल सिंह ठुकराल ने क्या कहा
सामाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक प्रत्याशी सतपाल सिंह ठुकराल ने बताया कि अलीशा मामले में बहुत से सामाजिक संगठनों ने आरोपी अफजल के खिलाफ हत्या करने का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस ने अपनी कार्यशैली पर पर्दा डालने के मकसद से इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और आज भी मासूम बच्ची का कथित हत्यारा अफजल खुलें आम पीड़ित परिवार को तरह तरह की धमकियां दे रहा है उन्होंने बताया कि आरोपी अफजल का कथित दादा आज भी पीड़ित परिवार को धौस दे रहा है कि तूने मेरा और अफजल किया बिगड़ लिया उन्होंने कहा कि पुलिस को आरोपी और उसके दादा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
अशरफ ने कहा अब न्यायालय से इंसाफ की उम्मीद
बीती 6 जून को पुलिस की अंतिम रिपोर्ट पर अपत्ति या सहमति जताने के लिए दोनों मां बाप को पंचम सिविल जज ए सी जे एम सीनियर डिवीजन श्री नदीम अहमद ने अदालत में पेश होने के लिए तलब किया था, जैसे ही दोनों मां बाप न्यायाधीश श्री नदीम अहमद के सामने पेश हुए तो अशरफ और नन्हीं की आंखों से सब्र के आंसू छलक पड़े उन्होंने रोते बिलखते हुए न्यायधीश श्री नदीम अहमद से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई के 20 जुलाई मुकर्रर कर दी गई।

