लालकुआँ /रूद्रपुर – इन दिनों कुमाऊँ मंडल के जंगलों से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर उन लकड़ियों को बेचने का कारोबार धडल्ले से किया जा रहा है। लकड़ी माफिया जंगलों में घुसकर बेशकीमती पेड़ों की अवैध कटाई कर उन्हें वाहनों में भरकर आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में मुंहमागी कीमतों मे बेचकर अपनी चांदी काट रहे हैं। महीनों से हो रहे इस अवैध कारोबार पर ना तो वन प्रशासन की नजर है और ना ही जनप्रतिनिधियों की। वही इस धंधे के कारण ही जंगलों से खैर,शीशम, सागौन सहित अन्य बेशकीमती पेड़़ तेजी से नष्ट होते जा रहे हैं। वही कुमाऊँ मण्डल की लगभग 14 डिवीजनों में से हल्द्वानी वन प्रभाग हल्द्वानी एवं तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी तथा तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर के घने जंगलों से व्यापक स्तर पर होती बेशकीमती पेड़ों की कटाई के कारण इन डिवीजनों के जंगल बंजर होते जा रहे हैं।
ताजा मामला तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर का है जहां वन विभाग की टीम ने सागौन के गिल्टों से लदे एक वाहन को जब्त किया है हालांकि आरोपी वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही फरार हो गए आरोपी के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
बताते चलें कि आज सुबह लगभग 1 बजे विवि के सुरक्षाकर्मियों ने गश्त के दौरान एक पिकअप को पकड़ लिया। जिसमें बेशकीमती सागौन के गिल्टे लदे थे। पिकअप जंगलात की टीम को सौंप दिया गया। इधर टांडा रेंज के रेंजर आरएन गौतम में बताया कि सागौन के 13 गिल्टे जब्त कर पिकअप को सीज कर दिया गया है।
यहाँ मिली जानकारी के अनुसार पंतनगर विवि के एएसओ डीपी यादव सुरक्षा कर्मियों नाजिर, मुख्त्यार, अजय उरांव व बिगन साह के साथ रात्रि गश्त पर थे। इसी दौरान लगभग 01.35 बजे लालकुआं-रूद्रपुर राजमार्ग पर वीआईपी गेट से कुछ आगे उन्हें एक पिकअप संख्या यूपी 25/एफटी 9235 लालकुआं की ओर मुंह किए खड़ी दिखाई दी। वह पास पहुंचे तो पिकप का टायर बदल रहे दो लोग उन्हें देखकर पास में खड़ी कार संख्या यूके 04/एएम 8077 (महिंद्रा थार) में बैठकर भाग निकले। तलाशी लेने पर पिकअप में चाभी लगी हुई थी और उसमें सागौन के गिल्टे लदे थे। इसी बीच वहां पुलिस का गश्ती चीता दल भी पहुंच गया। सुरक्षा कर्मियों ने सूचना देकर सागौन से लदी पिकअप टांडा रेंज के वन कर्मियों को सौंप दी। यह जांच का विषय है कि लकड़ी कहां से काटी गई और कहां जा रही थी। पिकअप छोड़कर भागने और थार में उन्हें बैठाकर ले जाने वाले लोग कौन थे। फिलहाल वन विभाग की टीम न आरोपीयों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।