उत्तराखंड-नए साल की पूर्व संध्या पर ही प्रदेशभर में लगभग 30 करोड़ रुपये की शराब बिक्री हुई। यह आंकड़ा केवल अंग्रेजी शराब की बिक्री का बताया जा रहा है। नए साल के स्वागत में उत्तराखंड में आए सैलानी और स्थानीय लोग करीब 30 करोड़ रुपये की शराब गटक गए। आपको बता दें इस दौरान वन डे बार लाइसेंस भी खूब बांटे गए। वहीं आबकारी विभाग ने पूरे 10 दिनों तक अनुमति के लिए पोर्टल को 24 घंटे चालू रखा। इस दौरान कुल 329 वन डे बार लाइसेंस स्वीकृत किए गए। इससे आबकारी विभाग की भी खूब चांदी हुई।
आपको बता दें सबसे ज्यादा बार लाइसेंस राजधानी उत्तराखंड देहरादून में 208 लोगों को बाटे गए। दरअसल, उत्तराखंड के कई पर्यटन स्थलों पर नए साल 2024 के स्वागत के लिए विभिन्न तैयारियां की गईं थीं। होटल, रेस्टोरेंट, रिजॉर्ट आदि सभी जगह अच्छी खासी बुकिंग रही। वहीं बात करे अन्य ज़िलों की झील नगरी नैनीताल, पहाड़ों की रानी मसूरी, अल्मोड़ा, रानीखेत आदि जगहों पर बड़े-बड़े आयोजन किए गए थे। इन आयोजनों में भाग लेने के लिए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों से लोगों ने उत्तराखंड का रुख किया था।पूर्व संध्या से पहले भी कारोबारियों ने खूब वनडे बार लाइसेंस लिए
आबकारी विभाग ने भी इस मौके को भुनाने की दस दिन पहले से ही तैयारियां कर ली थी। इस बार आम तौर पर वन डे बार लाइसेंस पर पाबंदी थी। लेकिन, खास मौकों के लिए यह जारी रहा। नए साल की पूर्व संध्या से पहले भी कारोबारियों ने खूब वनडे बार लाइसेंस लिए।
आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक प्रदेश में कुल 329 वन डे बार लाइसेंस जारी किए गए। इनमें देहरादून में 208, नैनीताल में 82, हरिद्वार में पांच, अल्मोड़ा में आठ, पौड़ी में 13, टिहरी में 10 वन डे बार की अनुमति दी गई। इससे आबकारी विभाग की आय में भी अच्छा खासा इजाफा होने की उम्मीद है।
अधिकारियों के अनुमान के अनुसार नए साल की पूर्व संध्या पर ही प्रदेशभर में करीब 30 करोड़ रुपये की शराब बिक्री हुई। यह आंकड़ा केवल अंग्रेजी शराब की बिक्री का बताया जा रहा है। जबकि, देसी मदिरा की बिक्री इससे अलग बताई जा रही है।
तस्करी रोकने को पुलिस के साथ रहा समन्वय
इस मौके पर आमतौर पर देखा जाता है कि आसपास के राज्यों से शराब तस्करी बढ़ जाती है। लेकिन, इस बार इस तरह की खबरें बेहद कम आईं। हालांकि, एकाध जगह आबकारी और पुलिस विभाग ने कार्रवाई कीं। आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल ने बताया कि इस बार प्रदेश के एंट्री प्वाइंट और निर्धारित ड्यूटी स्थलों पर प्रवर्तन की टीमें लगाई गईं थी। पहले से अधिक चौकसी के कारण बाहरी राज्यों से तस्करी पर अंकुश लग पाया। इस दरम्यान पुलिस ने भी तमाम जगहों पर वाहनों की चेकिंग का अभियान चलाया।