
टांडा रेंज वन विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई, लकड़ी तस्करों में मचा हड़कंप
लालकुआँ/रूद्रपुर – (संवाददाता ज़फ़र अंसारी) सर्दियों की धुंध और कोहरे का फायदा उठाकर जंगलों से अवैध लकड़ी तस्करी करने वालों पर अब “मिशन अंकुश” भारी पड़ रहा है। टांडा रेंज वन विभाग की टीम ने पिछले एक महीने में बड़ी कार्रवाई करते हुए खैर और सागौन से लदे 6 वाहनों को सीज़ कर दिया, जिनकी कीमत लगभग दस लाख रुपये बताई जा रही है। वहीं आधा दर्जन से अधिक वन तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
वन विभाग की इस एक्शन के बाद क्षेत्र में लकड़ी तस्करों में हड़कंप देखा जा रहा है। विभाग फरार तस्करों की तलाश में लगातार दबिश दे रहा है।
जंगलों में नहीं थम रही लकड़ी तस्करी
तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन के जंगलों में वन विभाग की लगातार कोशिशों के बावजूद लकड़ी तस्करी का सिलसिला रुक नहीं रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध कारोबार में जंगलों के आसपास रहने वाले कुछ स्थानीय लोग और विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के नेतृत्व में टांडा रेंज की टीम ने पिछले एक महीने में कई स्थानों पर छापेमारी कर लकड़ी से भरे वाहन पकड़े और तस्करों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों पर वन अपराध के तहत कार्रवाई की गई है और उन्हें जेल भेज दिया गया है।
कोहरे में सक्रिय हो जाते हैं तस्कर
वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि सर्दियों में तस्कर अधिक सक्रिय हो जाते हैं और कोहरे की आड़ में जंगलों में घुसकर लकड़ी काटकर ले जाते हैं। इसी को देखते हुए वन विभाग द्वारा “मिशन अंकुश” के तहत विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि लकड़ी तस्करी में कुछ स्थानीय लोगों व कर्मचारियों की मिलीभगत की शिकायतें भी सामने आई हैं। यदि जांच में कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फरार तस्करों पर शिकंजा जल्द
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि फरार तस्करों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विभाग लगातार रात्रि गश्त, नाकाबंदी और छापेमारी कर रहा है ताकि इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।


