वनाग्नि की घटनाओं के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए की जा रही बैठके

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वनाग्नि की घटनाओं के नियंत्रण एवं रोकथाम पर पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों एवं आम ग्रामवासियों की साझेदारी एवं सहभागिता को समाहित करते हुए जंगलों एवं आस-पास के ग्रामों की सम्पत्तियों को नुकसान से बचाने हेतु जिलाधिकारी की पहल पर पंचायती राज विभाग पूर्णतः सक्रिय होकर अपने ग्राम सभा स्तरीय कार्मिकों एवं अन्य हितधारकों के सहयोग से ग्राम सभाओं की खुली बैठके सतत् रूप् से आयोजित कर रहा है।

जनपद के समस्त विकासखण्डों में आम सभा की बैठकों हेतु रोस्टर जारी करते हुए अधिक से अधिक ग्रामवासियों की सहभागिता सुनिश्चित कराते हुए बैठकों में ग्रा मव आस-पास के क्षेत्रों में खुले में अथवा सार्वजनिक स्थानों पर कुडे के जलाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के प्रस्ताव आम सहमति से पारित करते हुए ऐसा कार्य करने वालों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम, पंचायत राज अधिनियम एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही करने सम्बन्ध में निर्णय लिये जा रहे हैं। ग्राम सभाओं में आहूत की जा रही इन बैठकों में आम लोग एवं ग्रामवासी काफी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं और प्रशासन को हर सम्भव मदद करने का संकल्प ले रहे हैं।

इन बैठकों के माध्यम से वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु ग्रामवासी स्व प्रेरित होकर आग बुझाने के कार्य कर रहे हैं एवं वनाग्नि आदि से सम्बन्धित सूचनाएं भी त्वरित रूप से जिला नियंत्रण कक्ष को दे रहे हैं। लगातार आयोजित की जा रही बैठकों की प्रगति के सम्बन्ध में जिला पंचायत राज अधिकारी सुरेश बैनी द्वारा दिनांक 03 मई को विकास खण्ड धारी की मनाघेर, घानाचूली, जलना नील पहाड़ी, सेलालेख व मज्यूली, विकास खण्ड रामगढ़ के किलौर, कूल, सुयालबाडी, खेरदा व म्यौड़ा, विकासखण्ड भीमताल के डहरा, चोपड़ा, मंगोली, खुर्पाताल, थापला, मल्यूटी, ज्योली, नलनी, जलालगांव व खमारी, विकासखण्ड बेतालघाट के अमेल, भतरौज, मल्ला निगलाट, जाख, घुना, कफुल्टा, बारगल, गरजौली, तल्लगांव, व सिरौड़ी आदि ग्राम सभाओं में आमसभा की बैठक आहूत करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न जलाने सम्बन्ध प्रस्ताव पारित किये गये एवं आम जनमानस / ग्रामवारियों को वनाग्नि रोकथाम के लिये जागरूक भी किया गया।

उन्होंने बताया कि जनपद के 08 विकसखण्डों की 479 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 362 ग्रामसभाओं में आमसभा की खुली बैठक आहूत कर ली गई है तथा शेष ग्राम सभाओं में भी बैठकें भी सतत् रूप से आहूत की जा रही है। इन खुली बैठकों में ग्रामवासियों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न जलाए जाने सम्बन्ध चर्चा करने के साथ-साथ ग्राम व घरों के आसपास सूखी पत्तियाँ व अन्य ज्वलनशील कूड़े को साफ कर वनाग्नि से बचाव की कार्यवाही भी की जा रही है। बताया गया कि इन बैठकों में वनाग्नि की समस्या से निपटने हेतु ग्रामवासी स्वप्रेरित होकर श्रमदान आदि के द्वारा ग्राम व आसपास के जंगलों की साफ-सफाई करते हुए अपने क्षेत्र को वनाग्नि के खतरे से बचाने हेतु सहयोग दिये जाने का संकल्प ले रहे हैं।


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