एम सलीम खान ब्यूरो
लोकसभा चुनाव के दौरान मजदूरों से जुड़े श्रमिक नेता मिथलेश कुमार सिंह ने मोदी सरकार के दस सालों के कार्यकाल को लेकर बड़ी बातें कही हैं, उन्होंने कहा कि हम किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन हमें यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि मोदी सरकार में श्रमिकों मजदूरों पर ज़ुल्म अत्याचार बढ़े हैं,उन पर बड़ी बड़ी कंपिनयों ने सरकार की मिली भगत से अत्याचार किए, उन की नौकरियों छीनी गई, उन्हें भूख की कगार पर पहुंचा दिया गया, उनके बच्चों के भविष्य को अंधकारमय करने की कोशिश की गई, पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई, श्रमिकों को इस हद तक विवश किया गया कि वो आत्माहत्या जैसे कदम उठाए, प्राशसनिक मशीनरी कंपनी प्रबंधन की गुलाम बनी रही, मजदूर श्रमिक सड़कों पर बैठे गला फडते रहें, लेकिन सरकार प्रशासन आंखों पर पट्टी और कानों पर हाथ लगाएं तमाशा देखते रहे हैं, हमारे बुजुर्ग महिलाएं बच्चे इस अन्याय के खिलाफ खुद सड़कों पर उतर आए इसके बाद भी हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया, उन्होंने कहा कि वोट हमारा मौलिक अधिकार है, इसलिए हम मतदान करेंगे लेकिन हम अपना वोट एक ऐसी राजनीतिक पार्टी को देंगे जो श्रमिकों के खिलाफ बनाएं गए कठोर कानुनों को खत्म करे,जो मजदूरों और श्रमिकों के हितों का ध्यान में रखते हुए उनकी मेहनत की उनके मौलिक अधिकार दिला सकें, उन्होंने साफ कहा कि मजदूरों श्रमिकों को असंवैधानिक कानूनों की आग में झोंकने वाली सरकारें चुनाव में बड़ी बड़ी बाते बनकर श्रमिकों और मजदूरों को बरगलाने का काम करती है, उन्होंने तमाम श्रमिक संगठनों मजदूर संगठनों का आह्वान किया कि आने वाली 19 अप्रैल को मतदान करने जरुर जाएं लेकिन वोट करने से पहले एक बार उस वक्त को याद करे जब हम श्रमिकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा था। मिथलेश कुमार सिंह बाजपुर में एक गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे हैं,इस दौरान हकीम जोशी,मौनीस अली, विशाल रावत,दया शंकर प्रसाद, सरफराज खान,मलती पांडे, रोशनी उप्रेती सहित अन्य लोग मौजूद थे।