लालकुआं_शहर में शांतिपूर्ण वातावरण में मनाया गया मोहर्रम का पर्व

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लालकुआं_शहर में शांतिपूर्ण वातावरण में मनाया गया मोहर्रम का पर्व

लालकुआं – (जफर अंसारी) त्याग और बलिदान का पर्व मोहर्रम बुधवार को शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गया। इस दौरान कहीं ढोल व नगाड़े के साथ ताजिया निकाले गये तो कहीं घरों में इबादत की गई।

प्रत्येक बर्ष मोहर्रम की 10वीं तारिख को मुस्लिम समुदाये के लोग मुहर्रम को गम के रूप में मनाते हैं। इस दिन इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत को याद किया जाता है।

 

लालकुआं मे भी मोहर्रम का जुलूस निकाल कर त्यौहार बड़ी अकीदत के साथ मनाया गया लंगर फतिया वहीं जगह जगह शरबत का वितरण किया गया।

 

हालांकि विधि व्यवस्था को लेकर लालकुआं कोतवाली प्रशासन के पदाधिकारी भ्रमणशील रहे। मुस्लिम समुदाय के अधिकांश लोगों ने इमाम हसन और इमाम हुसैन की शहादत की याद में रोजा रखा और नियाज़ फातिहा की।

 

वही लोगों ने नमाज पढ़ इबादत की वहीं कुरान की तिलावत करते हुए इबादत में वक्त गुजार और हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया।

 

कुछ मुस्लिम समाज ने इस अवसर पर फातिहा भी कराई। जुलूस में खिलाड़ियों ने परंपरागत हथियारों से करतब दिखाया। इस दौरान मोहर्रम के जुलूस में मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष निसार खान, इमरान खान, इरफान खान, रिंकू खान, जफर हुसैन,

जमशेद, फैजान शाह, मौहम्मद उमर अन्सारी, आजम खान, अमजद खान, मोमदू , भूरा खान शाहबाज खान, अली मोहम्मद, इरशाद अली, मेहदी हसन,करीम खान, शाहिद अली, अजीम अली, राजा खान अनीश खान,मोइन अंसारी, शाहबाज खान, बिट्टू खान शामिल रहे।

 

हल्द्वानी_विधायक बंशीधर बोले, छोटे-मोटे झटके लगते रहते हैं

हल्द्वानी – उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में दोनों सीटों में मिली करारी हार के बाद भी भाजपा ज्यादा टेंशन में नही लग रही है। क्योंकि हाल ही में मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली हार पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत का कहना है कि ऐसे छोटे-मोटे झटके लगते रहते हैं।

हार पर अपनी बात कहते हुए बंशीधर भगत ने कहा कि मंगलौर सीट तो हम हमेशा हारते थे इस बार तो हमने अच्छा प्रदर्शन किया है और वही बद्रीनाथ के लिए भी कुछ कमियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह छोटे-मोटे झटके लगते रहते हैं हम हिमालय की तरह हैं।

वही कैबिनेट विस्तार पर पूछे गए सवाल पर बंशीधर भगत ने कहा कि केंद्र की राय के बाद मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह कब कैबिनेट का विस्तार करते हैं।


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