“लापरवाही और लत: किशोर अपराध की जड़ें घर से बाहर नहीं, घर के भीतर”

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“नशे की गिरफ्त में किशोर: आक्रामक स्वभाव और अपराध की राह पर बढ़ते कदम”

नैनीताल – नशे की लत किशोरों के स्वभाव को न केवल आक्रामक बना रही है, बल्कि उन्हें अपराध की दिशा में भी धकेल रही है। चोरी, हिंसा और गंभीर वारदातें उनकी जिंदगी को बर्बादी की ओर मोड़ रही हैं। हाल ही में हुए एक शोध में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि अभिभावकों की अनदेखी और आर्थिक तंगी भी इस स्थिति के पीछे बड़ी वजह हैं।

कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के शोधार्थी भरत कुमार ने “किशोर अपराध: एक सामाजिक-वैधानिक अध्ययन—नैनीताल जिले में मद्यव्यसनी किशोर” विषय पर शोध कार्य किया। शोध में सामने आया कि पिछले कुछ वर्षों में किशोरों में प्रतिबंधित दवाओं और नशीले पदार्थों का सेवन तेजी से बढ़ा है।

पारिवारिक तनाव, संवाद की कमी, अनुशासनहीनता और पढ़ाई में कमजोर प्रदर्शन भी अपराध की ओर धकेलने वाले कारकों में शामिल हैं। खास बात यह है कि अधिकतर किशोर अपने ही दोस्तों को नशे की लत लगाते हैं, जिससे उनकी सेहत और भविष्य दोनों पर गंभीर असर पड़ रहा है।

आर्थिक पृष्ठभूमि का असर

शोध में खुलासा हुआ कि अपराध में शामिल 100 किशोरों में से 74 आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। पैसों की कमी में वह नशे के लिए चोरी, झगड़े और गंभीर वारदात तक करने से पीछे नहीं हटते। बेहतर जीवनशैली पाने की चाह या फिर मजबूरी उन्हें अपराध के दलदल में फंसा रही है।

केस स्टडी 1

करीब डेढ़ साल पहले हाईस्कूल में पढ़ने वाला 15 वर्षीय किशोर शराब के नशे में पड़ोस की महिला पर हथियार से हमला कर बैठा। मामूली रास्ते के विवाद ने उसे हिंसक वारदात तक पहुंचा दिया।

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केस स्टडी 2

साल 2017 में एक और किशोर का अपने पड़ोस की महिला से रास्ते को लेकर विवाद हुआ। गुस्से में उसने धारदार हथियार से वार कर महिला की जान ले ली।


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