उच्च न्यायालय से मदन जोशी को राहत नहीं — अंतरिम जमानत खारिज, एक सप्ताह में कुर्की वारंट जारी करने के आदेश

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नैनीताल – (एम सलीम खान संवाददाता) भाजपा नेता मदन जोशी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से बड़ी राहत नहीं मिल पाई है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे विवादों में घिरे मदन जोशी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

बीजेपी नेता मदन जोशी ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मदन जोशी पेटा (PETA) संगठन से जुड़े एक पशु अधिकार कार्यकर्ता हैं।

उन्होंने तर्क दिया कि घटना के दिन उन्होंने ही पुलिस और वन विभाग को सूचना दी थी तथा बाद में सिर्फ यह सुनिश्चित करने मौके पर पहुंचे थे कि भीड़ ने किसी वाहन को नुकसान तो नहीं पहुंचाया।

हालांकि, शिकायतकर्ता नूरजहां और सरकारी पक्ष के वकीलों ने इन दलीलों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि मदन जोशी ने न केवल घटना स्थल पर मौजूद रहकर मारपीट और वाहन में तोड़फोड़ की, बल्कि इस घटना का सीधा प्रसारण (Live Streaming) भी किया, जिससे भीड़ और अधिक भड़क गई।

पुलिस की ओर से यह जानकारी दी गई कि मदन जोशी के खिलाफ पहले से ही गैर-जमानती वारंट जारी है और उन्हें फरार घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

अदालत ने मामले में प्रस्तुत फोटोग्राफिक साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद कहा कि गिरफ्तारी पर रोक या अंतरिम जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता।

इस पर उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया कि पुलिस एक सप्ताह के भीतर कुर्की की कार्रवाई पूरी कर उसकी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करे।

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