(पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर घंटों प्रदर्शन बेरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन)
(छात्रों ने शहर की सड़कों पर किया जोरदार प्रदर्शन एस एस पी से मांगा इस्तीफा)
(छात्रों के प्रदर्शन को एस एस पी ने बताया तालिबानी छात्रों ने कहा कि हम भारत के छात्र हैं)
(छात्राओं ने पुलिस पर लगाया लाठीचार्ज का आरोप उमड़ा जनसैलाब)
रुद्रपुर – जिले भर में नर्स तस्लीमा के जघन्य हत्याकांड और बलात्कार क़ा विरोध प्रदर्शन थमने का नाम ले रहा है, अलग-अलग राजनीतिक दल सहित सामाजिक संगठन और छात्र संगठनों ने इस मामले को लेकर फिर सड़कों पर उतर कर बीते रोज राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रुद्रपुर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी के कार्यलय तक तक पैदल मार्च निकाला और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया, इस पैदल मार्च में एक दिव्यांग युवती को प्रदर्शनकारियों ने सबसे आगे रखा जिसकी ट्राइसाइकिल पर एक पोस्टर लगाया था जिसमें नर्स तस्लीमा सहित कोलकाता की डाक्टर का फोटो लगाया था, वहीं अन्य छात्र छात्राओं ने हाथों में अलग-अलग श्लोकों की तख्तियां ले रखी थी,जिन पर बलात्कारियों को फांसी देने की बातें लिखी हुई थी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पहले से भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था, जैसे ही यह प्रदर्शकारी एस एस पी के कार्यालय पर पहुंचे तो पुलिस ने इन्हें बेरिकेडिंग लगा कर बाहर ही रोक दिया, लेकिन छात्रों ने कार्यलय के अंदर जाने की जिद्द पकड़ ली, पुलिस ने इन्हें अंदर जाने से रोक दिया, जिसके बाद गुस्साए छात्रों ने बेरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन शुरू कर दिया और पुलिस की मौजूदगी में ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, आक्रोशित छात्रों ने जबरन आफिस में जाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने इन्हें अंदर नहीं जाने दिया, जिससे यह लोग और भी आक्रोशित हो गए, वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि एस एस पी द्वारा गठित एस आई टी टीम पर उन्हें जरा भी भरोसा नहीं है बल्कि यह टीम भी स्थानीय पुलिस का एक अंग है इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
छात्रों का कहना था कि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी ने इस मामले को दो बार तथा कथित बयान दिए हैं पहले बयान में उन्होंने कहा था कि मैंने दरिंदों को सुधारने का ठेका नहीं ले रखा और दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि यह तालिबानी रवैया है, उनके इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद इन छात्रों का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया, वक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने पहले तो इस जघन्य मामले को हल्के में लिया और अब मामले की जांच के लिए एस आई टी का गठन किया गया आखिर क्यों इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराई जा रही है, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस किन लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा कि जिले के कप्तान को अपने ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान को लेकर इस्तीफा दे देना चाहिए, वहीं इसी बीच कुछ किसान नेता भी वहां आ पहुंचे और उन्होंने गुस्साए छात्रों को शांत करते हुए इस मामले को लेकर बड़े आंदोलन की बात कही, लेकिन यह किसान नेता चंद मिनटों में नौ दो ग्यारह हो गये,
छात्रों ने इनकी बात पर खास तावजो नहीं दी और कहा कि इस लड़ाई को वह अपने स्तर से लड़ेंगे उन्होंने आव्हान किया कि जिसे उनके साथ आना है वो अपनी राजनीतिक को परे रखकर हमारी इस लड़ाई में शामिल होकर समर्थन करे,इसी बीच अचानक वहां छात्रों का आक्रोश बढ़ गया और कुछ छात्राओं ने सीपीयू पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया उन्होंने बताया कि इस लाठीचार्ज में कुछ छात्राओं को चोटे आई है जिन्हें अस्पताल भेजा गया है, इनका कहना था कि पुरुष पुलिस कर्मियों ने छात्राओं पर लाठियां बरसाई है उन्होंने कहा कि पुलिस के आला अधिकारी बताएं कि महिलाओं पर पुरुष पुलिस कर्मियों को लाठियां बरसाने का अधिकार है,
उन्होंने कहा कि हम यहां अपनी सुरक्षा की गुहार लेकर आए और नर्स को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने जो व्यवहार किया है वो निंदनीय है, देर शाम तक इनका हुजूम एस एस पी के कार्यालय पर जमा रहा, लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी इस दौरान अपने कार्यालय से नदारद रहे, इसी बीच इन छात्रों को पता चला कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी जिलाअधिकारी कार्यलय में है और यह भी वहां आ पहुंचे जिसके बाद इन छात्रों ने शहर विधायक शिव अरोरा की मौजूदगी में एस एस पी से बहुत से सवाल किए।
एम सलीम खान ब्यूरो प्रमुख