चन्द्रशेखर आजाद के 83वे बलिदान दिवस पर क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन इंकलाबी मजदूर केन्द्र और प्रगतिशील महिला एकता मंच के बैनर तले आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा

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महान क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद के 83 वें बलिदान दिवस पर आज क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के बैनर तले श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

अशफाक उल्ला खान पार्क, खेड़ा कालोनी, रुद्रपुर जिला उधमसिंह नगर (उत्तराखंड ) में आयोजित कार्यक्रम के शुरुआत में चंद्रशेखर आजाद की फोटो पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

इसके पश्चात हुई श्रद्धांजलि सभा को विभिन्न सामाजिक सांगठनों और ट्रेड यूनियनों के साथियों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने चंद्रशेखर आजाद जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला।कहा कि चंद्रशेखर आजाद ने अशफाक उल्ला खान, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह सिंह आदि क्रांतिकारियों के साथ में मिलकर सशस्त्र चलाकर ब्रिटिश हुकूमत के दाँत खट्टे कर दिए थे। और अंतिम सांसों तक ब्रिटिश हुकूमत की गोलियों का सामना करते रहे, और 27 फ़रवरी 1931 को वीरगति प्राप्त की। और अपने नारे – दुश्मनों की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद रहे हैं आजाद ही रहेंगे को साकार किया।

वक्ताओं ने आगे कहा कि शहीदे आजम भगतसिंह की ही तरह से चंद्रशेखर आजाद का उद्देश्य भी भारत को स्वाधीनता दिलाना और सोवियत रूस के मजदूरों की ही भांति भारत में भी समाजवादी राज्य की स्थापना करना था भगतसिंह की सलाह पर ही उन्होंने अपने क्रांतिकारी दल का नाम HRA से बदलकर HSRA (हिंदुस्तान सोसलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ) कर दिया। जिसका उद्देश्य स्वाधीनता प्राप्त कर समाजवादी राज्य की स्थापना करना तय किया गया।

वक्ताओं ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, अशफाक उल्ला खान और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों की शिक्षाओं और बलिदान से प्रेरित भारत देश की महान जनता ने अपने बीच धर्म,जाति, रंग, नस्ल और क्षेत्र के भेद को मिटा डाला । अपने भाईचारे की डोर को मजबूत कर एकजुट संघर्ष के बल पर ब्रिटिश हुकूमत को भारत से उखाड़ फेंका और अपने मुल्क को आजाद करा दिया ।

किन्तु आज अडाणी- अंबानी जैसे पूँजीपतियों और आरएसएस भाजपा के गठजोड़ की काली गुलामी का खतरा भारत देश पर मंडरा रहा है। आज मोदीराज में सिर्फ पूँजीपतियों की ही बात सुनी जा रही है। मजदूरों, किसानों और आम जनता की सुनने वाला कोई भी नहीं है । प्रदर्शन कारी किसानों के रास्तों में कीलें ठोकी जा रहीं हैं। रबड़ की गोलियों और पानी की बौछार करके, गोली मारकर उन्हें लहूलुहान किया जा रहा है ।ऐसा ही सलूक न्याय मांग रहे मजदूरों और रोजगार मांग रहे नौजवानों के साथ में भी किया जा रहा है।

आजादी से पहले जब ब्रिटिश हुकूमत भारत की जनता के खिलाफ दिल्ली स्थित सेन्ट्रल एसेम्बली में काले कानून बना रही थी तो भगतसिंह ने एसेम्बली में बम का धमाका किया था और कहा था की बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरुरत होती है |किन्तु आज मोदीराज में आजाद भारत की संसद में मजदूरों के खिलाफ 4 काले कानून, किसानों के खिलाफ तीन काले कानून और आम जनता और छात्रों -नौजवानों के खिलाफ काले कानून पारित किए गए हैं । इनके लागू होते ही मजदूरों, किसानों, छात्र -नौजवानों और आम जनता की स्थिति बहुत खराब हो जाएगी ।संघर्ष के रास्ते अत्यंत संकुचित और कठिन हो जायेंगे |इसीलिए इन काली ताकतों द्वारा भारत देश की जनता को हिन्दू- मुस्लिम के नाम बांटकर एकता और भाईचारे को कमजोर किया जा रहा है |इसी घृणित उद्देश्य के तहत इन काली ताकतों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत और हिंसा को भड़काया जा रहा है ।ऐसे में हमें नारा बुलंद करने की जरुरत है कि अशफाक -बिस्मिल और चंद्रशेखर आजाद-भगतसिंह के देश में धर्म के धंधे नहीं चलेंग। हमें नारा लगाना होगा कि -लड़ो न अल्लाह राम पर लड़ो मजूरी काम पर। हमें बुलंद आवाज से कहना होगा कि -साम्राज्यवाद, पूंजीवाद और फासीवाद का नाश हो, चंद्रशेखर आजाद का उद्देश्य समाजवाद जिंदाबाद।

जिस तरह से किसानों ने अपनी एकता के बल पर इन काली ताकतों को तीन काले कानून वापस लेने को संघर्ष छेड़ा ठीक उसी तर्ज पर बल्कि उससे भी आगे बढ़कर जनता के हर हिस्से को जोड़कर ब्यापक संघर्ष करने की जरुरत है। भारत देश को उस समाजवादी मंजिल पर ले जाने की जरूरत है जहाँ उसे चंद्रशेखर आजाद लेकर जाना चाहते थे।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी साथियों ने अडाणी -अंबानी और आरएसएस -भाजपा के गठजोड़ के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करने का संकल्प लिया। श्रद्धांजलि सभा के पश्चात् खेड़ा कालोनी में जुलुस भी जुलुस निकाला गया।

आज के कार्यक्रम को क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह, मदन पांडे, इंटरार्क मजदूर संगठन उधमसिंह नगर के वीरेंद्र कुमार, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के हृदेश कुमार, ऑटोलाइन इम्प्लाइज यूनियन के प्रकाश मेहरा, यजाकि वकर्स यूनियन के रविन्द्र कुमार और इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट आदि ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के राजेश तिवारी ने किया।कार्यक्रम में सिडकुल पंतनगर की कई कम्पनियों के मजदूर साथियों ने भी भागेदारी की। यह जानकारी मीडिया के साथ संगठन के शहर सचिव शिलदेव सिंह ने सांझा की।


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