गाजियाबाद – (एम सलीम खान ब्यूरो) गाजियाबाद पुलिस ने एक 68 वर्षीय फर्जी आई पी एस अफसर को गिरफ्तार किया है, पुलिस के शिकंजे में आने के बाद इस फर्जी आई पी एस अफसर ने पुलिस को जो कुछ बताया वो बेहद चौकन्ने वाला है, और इसकी कहानी सुनकर पुलिस भी हैरानी में पड़ गयी, इस फर्जी आई पी एस अफसर ने पुलिस को बताया कि उसके पिता एक आई आर एस अधिकारी थे,यह फर्जी खुद भी येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने अमेरिका गया था, लेकिन अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर वापस आ गया और जिसके बाद फिर एम एन सी में नौकरी करने लगा।
जब यह फर्जी आई पी एस साल 2015 में रिटायर हो गया तो उसके बाद खुद को 1979 बैंच का आई पी एस अफसर बताकर धोखाधड़ी की संगीन वारदातों को अंजाम देने शुरू कर दिया इस फर्जी आई पी एस अफसर ने गाजियाबाद में अपने एक दोस्त पर दर्ज मुकदमे को निपटाने के लिए डीसीपी कार्यालय में धमकी देने के मामले में पुलिस के शिकंजे में फस गया , इस फर्जी आई पी एस अफसर ने डीसीपी के पीआरओ को फोन कर खुद को 1979 बैंच का आई पी एस अफसर बताया इसने पुलिस को बताया कि उसके पिता आई आर एस अधिकारी रहे हैं, जिसकी वजह से उसकी अफसरों के साथ अच्छी जान-पहचान हैं।
और उसने इस बात का खूब फायदा उठाकर लोगों को कानूनी दांवपेंच का खौफ दिखाकर उनसे जमकर रुपए ऐंठे, बकौल पुलिस ने खुद बताया कि खुद को मणिपुर कैडर के 1979 बैच का रिटायर आई पी एस अफसर बताने वाले अनिल कटियाल उम्र 68 और उसके सहयोगी विनोद कपूर उम्र 69 को दिल्ली और गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है पुलिस ने बताया कि अनिल कटियाल ने वित्तीय लाभ कमाने और अनुचित लाभ पाने के मकसद से अपनी पहचान छिपाकर लोगों से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए ठगे हैं पुलिस के मुताबिक आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता एक आई आर एस अधिकारी रहे हैं और चचेरा भाई भी पुलिस महकमे में अधिकारी था।
इसी वजह से उसकी अधिकारियों से अच्छी जान-पहचान हो गई और उसने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की और इस बीच यूपीएससी की तैयारी भी की उसके दोस्त ने सिविल सेवा परीक्षा पास की है, इसके अलावा जब वो वोडाफोन कंपनी में कारपोरेट अफेयर्स में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नौकरी कर रहा था उसी दौरान उसकी बहुत से आई ए एस आई पी एस अफसरों और अन्य उच्च अफसरों से जान पहचान होती गई, और उसने इन अफसरों के साथ अनगिनत तस्वीरें खिचावाई, अनिल कटियाल ने पुलिस को बताया कि उसने 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी।
जिसमें वे कामयाब नहीं हो पाया जिसके बाद वो अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने चला गया, हालांकि 1980 में वो पीएचडी को बीच में छोड़कर वापस लौट आया और भारत आकर उसने हिन्दुस्तान यूनिलीवर कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया और 20 साल तक यहां नौकरी की जिसके बाद साल 2000 में उसने यामाहा कंपनी में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर नौकरी की और वहां से2005- 2015 तक वोडाफोन में नौकरी करता रहा और वहां से वाइस प्रेसिडेंट कारपोरेट अफेयर्स के पद पर नौकरी करता रहा जिसके बाद रिटायर हो गया, जिसके बाद से ही वे लगातार ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था।
खुद को 1979 बैच का आईं पी एस अफसर बता था फर्जी अनिल कोटियाल
पुलिस ने बताया कि उच्च अफसरों से जान पहचान और खिंचवाई गई तस्वीरों का फायदा उठाकर अनिल कटियाल ने अपने आप को 1979 बैच का आईं पी एस अफसर बताना शुरू कर दिया और सरकार के विभिन्न विभागों आफिसों से धोखाधड़ी से दलाल और लाइजर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया उसकी पोल उस समय खुलकर सामने आई जब उसने डीसीपी के साथ एक फोटो खिंचवाने की बात की, अनिल कटियाल ने 14 नवंबर को डीसीपी के पीआरओ नीरज राठौड़ को फोन कर धमकी देते हुए कहा कि उसके साथी पर इंदिरापुरम पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज है अगर मुकदमा वापस नहीं लिया गया।
तो वो इंदिरापुरम पुलिस के खिलाफ ही फिरोती के लिए अपहरण का मुकदमा दर्ज कराएगा और इसमें शामिल सभी पुलिस कर्मियों को जिंदगी भर जेल में सड़ा देगा इस मामले में पीआरओ ने साहिबाबाद पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, इस मामले ने अनिल कटियाल और विनोद कपूर के खिलाफ बीएन एस की धारा 308 जबरन वसूली 221 सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बांधा पहुंचना,204 लोक सेवा का अपमान करना और 318 धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया है, डीसीपी ने कहा कि कपूर जो इंदिरापुरम पुलिस मामले में आरोपी हैं उसने भी इंदिरापुरम पुलिस थाने में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर प्रमोद हुड्डा को इसी तरह की धमकी दी थी।