डॉल्फिन कम्पनी के आमरण अनशनकारी मजदूरों की प्राण रक्षा के लिए धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन!

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हल्द्वानी – (एम सलीम खान ब्यूरो) विभिन्न सामाजिक संगठनों ने डॉल्फिन कम्पनी, सिडकुल पन्तनगर के आमरण अनशनकारी मजदूरों की प्राण रक्षा के लिए श्रम भवन हल्द्वानी में धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।

ज्ञात हो कि डॉल्फिन कम्पनी, सिडकुल पन्तनगर के मजदूर विगत 28 अगस्त, 2024 से कम्पनी में श्रम कानूनों के पालन और स्थायी मजदूरों को गैरकानूनी तरीके से अस्थाई रूप में समायोजित करने के विरोध में हड़ताल पर हैं। इस दौरान मजदूरों ने लगातार श्रम विभाग, प्रशासन से लेकर स्थानीय विधायक, आदि जिम्मेदार अधिकारियों व सरकार के प्रतिनिधियों को मामले से अवगत करा न्याय की मांग की। इसके बावजूद कंपनी मालिक हठधर्मी बना हुआ है और श्रम विभाग भी मजदूरों को न्याय दिलाने में असफल रहा है।

यहां ध्यान रहे कि उत्तराखंड में श्रम मंत्री का कार्यभार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही सम्भालते हैं। ऐसे में सीधा प्रश्न उठता है कि क्या डॉल्फिन कम्पनी मालिक कानून से राज्य के श्रम मंत्री, मुख्यमंत्री से ऊपर हो गया है?

मजदूरों ने इन हालातों से घबराकर निराश होकर बैठ जाने के बजाय न्याय के लिए संघर्ष जारी रखा। प्रशासन ने मजदूरों के हौसलें तोड़ने के लिए कम्पनी के 4 मजदूरों, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सक्सेना और इंक़लाबी मजदूर केंद्र के कैलाश पर गुंडा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया। दमन की कार्यवाही, श्रम कानूनों के घोर उल्लंघन, प्रशासन की उदासीनता के विरोध में 21 अक्टूबर से 4 महिला मजदूरों सहित कुल 6 मजदूर आमरण अनशन पर हैं।

4 महिला मजदूरों की हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां भी महिला मजदूरों का आमरण अनशन जारी है। उनका स्वास्थ्य नाजुक हालत में है। आज महिलाओं के आमरण अनशन को 25 दिन हो गए हैं, इसके बावजूद न्याय न मिलना शासन-प्रशासन के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है।

धरने व ज्ञापन के दौरान प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, प्रगतिशील भोजनमाता यूनियन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इंक़लाबी मजदूर केंद्र, भाकपा-माले, मजदूर सहयोग केंद्र, ठेका मजदूर कल्याण समिति, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, भीम आर्मी, आनंद निशिकवा इम्प्लाइज यूनियन, सर्व श्रमिक निर्माण कर्मकार संगठन, मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान, संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।


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