बंगाली समाज के जनप्रतिनिधियों ने की प्रेसवार्ता सरकार और सत्ता पक्ष के लोगों को घेरा बोले वोट झोली भर कर विकास के नाम जीरो

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रुद्रपुर – बंगाली समाज को सत्ता पक्ष के लोग हमेशा अपना वोट बैंक समझते आए हैं, उनके आर्थिक, शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नहीं किया गया है,जिसे लेकर बंगाली समाज के जनप्रतिनिधियों ने शहर के सिटी क्लब में एक प्रेसवार्ता कर सरकार और उसके नुमाइंदों को आड़े हाथों लेते हुए बड़े सवाल उठाए और अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दे डाली, बंगाली समाज के जनप्रतिनिधियों ने इस प्रेसवार्ता में अपनी पांच सूत्रीय मांगों को कुछ ऐसा कहा जो हकीकत में सच साबित होता हो रहा, सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों ने आज तक बंगाली समाज के उत्थान के लिए गंभीरता से कुछ नहीं किया।

 

इस प्रेसवार्ता में बंगाली समाज के जनप्रतिनिधि एडवोकेट और सम्भावित मेयर प्रत्याशी संजय आईस और अर्जुन विश्वास ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित बंगाली समाज के लोगों को भारत में बसाया गया था चूंकि बंगाली समाज के लोगों द्वारा नम शूद्र पौंड मांझी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने हेतु पिछले कई सालों से आंदोलन किया जा रहा है जिसके फलस्वरूप तत्कालीन अखंड उत्तर प्रदेश के शासन द्वारा उत्तराखंड में निवासरत बंगाली समाज के हिंदू अनुसूचित जाति उपजाति नम शूद्र पौंड मांझी जाति के परिवारों/बच्चों को शिक्षा के दौरान छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया था जिसके फलस्वरूप नवसृजित उत्तराखंड राज्य में 10-12 वर्ष तक लगातार छात्रवृत्ति प्रदान की गई लेकिन मौजूदा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति बंगाली समाज के बच्चों को छात्रवृत्ति देना बंद कर दिया।

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि अविलम्ब अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति बंगाली समाज के गरीब मजदूर बच्चों के भविष्य को देखते हुए राज्य में छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति दिया जाना सुनिश्चित किया जाए, वहीं बंगाली समाज के जनप्रतिनिधि अर्जुन विश्वास ने कहा कि गरीब मजदूर परिवार के छात्रों छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके इसके लिए कांग्रेस के शासन काल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा उत्तराखंड में निवासरत बांग्लाभाषी बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए श्री गुरु चांद ठाकुर के नाम से एक कोष बनाया गया था इसी तरह सिख समाज के बच्चों के लिए श्री संत केसर सिंह के नाम से कोष बनाया था।

 

लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा उक्त कोष पर पाबंदी लगा दी गई जिससे दोनों समुदायों के बच्चों को उच्च शिक्षा में इन दोनों योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता था अब भाजपा सरकार ने इन्हें वंचित कर दिया है वक्ताओं ने कहा कि बंगाली समाज के नमः शूद्र पौंड मांझी जाति के लोगों को देशभर में भाजपा सरकार द्वारा बंगाली समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदार द्वारा बंगाली समाज की मांग को देखते हुए भारत सरकार के सामाजिक और न्याय मंत्रालय के अंतर्गत बंगाली समाज को अनुसूचित जाति की श्रेणी में लाने हेतु 14 फरवरी 2024 को एक माह के अंतर्गत बंगाली समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की सिफारिश अनुशंसा की गई थी, लेकिन इस सिफारिश अनुशंसा को मौजूदा समय तक लागू नहीं किया गया तथा यह मांग पूरवरत बनीं हुईं हैं उन्होंने कहा कि बंगाली समाज की रुद्रपुर में की जा रही बग भवन की मांग को देखते हुए रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान 14 अगस्त 2023 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उक्त मांग को देखते हुए रुद्रपुर में बग भवन निर्माण करने की घोषणा की थी लेकिन आज तक उक्त घोषणा कागजों तक सीमित है, उन्होंने कहा रुद्रपुर में जल्द बग भवन का निर्माण किया जाए, वहीं वक्ताओं ने कहा कि बंगाली समाज की पुरानी मांग है कि उत्तराखंड के बंगाली बाहुल्य क्षेत्रों में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में बाग्ला भाषा की कक्षाएं करने हेतु अध्यापिकाओं को नियुक्त किया जाए और बंगाली भाषा को पढ़ाया जाए जिसे लेकर विधायक शिव अरोरा ने इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत कराया तो उन्होंने इसकी घोषणा की थी, लेकिन आज तक उनकी घोषणा पर अमल नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि स्कूलों में बाग्ला भाषा शुरू करने की मांग को उठाया, उन्होंने कहा कि जबकि भारत सरकार की नयी शिक्षा नीति में प्राविधान होने के बाद भी उत्तराखंड सरकार द्वारा उक्त मांग को पूरा नहीं किया गया, इस दौरान बंगाली समाज के जनप्रतिनिधियों में श्रीमती मोनिका ढाली, अर्जुन विश्वास, जयदेव मदक,मानस बैरागी, अभिमन्यु साना उमाशंकर, शिवपद सरकार, पवित्र शील, सौरभ मदक, महादेव हाजरा कुमार साना श्यामल मंडल विकास मल्लिक रंजीत तिवारी प्रकाश अधिकारी विकास विश्वास गौतम घरामी अंजय राय अंकित भारती अभिजीत हलदार शुभम् दास आदि मौजूद थे।

एम सलीम खान ब्यूरो


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