तराई केंद्रीय वन प्रभाग पर उठे सवाल, ग्रामीणों ने जताई चिंता—अवैध कटान व वन्यजीवों की बढ़ती आमद से परेशान लोग

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ऊधम सिंह नगर – (संवादाता शादाब हुसैन) ऊधम सिंह नगर जनपद अंतर्गत तराई केंद्रीय वन प्रभाग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने एक बार फिर गंभीर चिंताएं जताई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कथित रूप से अवैध कटान की गतिविधियां बढ़ रही हैं।

वहीं जंगली जानवरों की आबादी वाले क्षेत्रों से बाहर आवाजाही के कारण किसानों को फसलों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन स्थितियों को लेकर ग्रामीणों में नाराज़गी देखी जा रही है।

ग्रामीणों के अनुसार बीते कुछ सप्ताहों में कई गांवों के आसपास जंगली जानवरों की मौजूदगी बढ़ी है, जिससे खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान वन विभाग की गश्त अपेक्षित स्तर पर दिखाई नहीं दी और न ही नुकसान को लेकर कोई त्वरित राहत प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू हो सकी।

इसके साथ ही जंगल से सटे इलाकों में कथित रूप से अवैध लकड़ी कटान एवं खनन की शिकायतें भी समय-समय पर सामने आती रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सूचना देने के बावजूद संबंधित विभागीय टीमें मौके पर देर से पहुंचती हैं, जिससे गतिविधियों पर समय रहते रोक नहीं लग पाती।

वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में नियमित गश्त की जा रही है और नियमों के विरुद्ध गतिविधियों पर कार्रवाई भी की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि तराई क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। यहां अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सघन निगरानी, तकनीकी सर्विलांस और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि जंगल और वन्यजीव दोनों को सुरक्षित रखा जा सके।

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ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए, कथित अवैध कटान पर सख्ती से रोक लगाई जाए तथा गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को वन संरक्षण से जोड़ा जाए।स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में जंगल और वन्यजीवों पर संकट और गहरा सकता है।


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