पढ़िए बीजेपी में दूसरी पारी खेलने की तैयारी कर रहे अजय भट्ट का परिचय,कैसे पहुंचे दिल्ली तक उत्तराखंड में निभाई है अहम जिम्मेदारियां

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फर्श से अर्श तक के सफर में गरीबी को नजदीकी से देखा

रुद्रपुर- नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट वो शिख्सयत है जिसने अपनी मेहनत, सूझबूझ और साहस के बल पर सफलता का शिखर हासिल किया है। वे उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय सांसद रहे। आइए जानते हैं अपने प्रत्याशी के बारे में। अजय भट्ट का जन्म 1 मई, 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में हुआ था। बचपन से ही वे बेहद मेहनती, आत्मविश्वासी और जुझारू रहे हैं। कम उम्र में ही उन्होंने अपने पिता और दो बड़े भाइयों को खो दिया। उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने रानीखेत के माँ दूनागिरी और हैड़ाखान बाबा मन्दिरों में छोटी-छोटी दुकानें लगाकर चाय, चूड़ी-बिंदी और सब्जी आदि बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण किया, साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। उन्होंने अल्मोड़ा कॉलेज में मेस चलाकर अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने गरीबी को नजदीकी से देखा। उन्होंने वकालत शुरू की और अपनी पहचान एक अच्छे अधिवक्ता के तौर पर बनायी।

कॉलेज के दिनों से ही अजय भट्ट् का जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रहा और वे सक्रिय राजनीति में भी उतरे। वर्ष1985 से ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष व कई अन्य पदों पर रहे। वर्ष 1985 से भाजपा की कार्यसमिति के सदस्य बने व अल्मोड़ा जिले में उत्तरांचल प्रदेश संघर्ष समिति, केसरिया वाहिनी, प्रदेश सदस्यता अभियान आदि के प्रमुख रहे। संगठन पर उनकी पकड़ को देखते हुए पार्टी ने जल्दी ही प्रदेश मंत्री और महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1996 में पहली बार उन्होंने रानीखेत से चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे उत्तर प्रदेश विधान सभा में लोक लेखा समिति व सीपीए के सदस्य तथा विधान सभा की विशेषाधिकार समिति के सभापति का दायित्व निभा चुके हैं। वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने पर भी उन्होंने वर्ष 2002, 2007 और 2012 में चुनाव जीतकर बतौर विधायक उत्तराखंड विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। प्रदेश में जब भी भाजपा की सरकार रही, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। बतौर मंत्री उनका परर्फॉर्मेंस हर बार शानदार रही। बतौर स्वास्थ्य मंत्री उन्होंने सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर सख्ती से रोक लगायी जिसकी आज भी प्रशंसा होती है। वे कांग्रेस शासन के दौरान नेता प्रतिपक्ष रहे और वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में उन्होंने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत जैसे दिग्गज को साढ़े तीन लाख वोटों से हरा कर अपनी लोकप्रियता का डंका बजा दिया। बतौर सांसद उन्होंने पहले कार्यकाल में ही दिखा दिया कि वे सदन के कार्यों में खासे सक्रिय हैं। उन्होंने दो सत्रों के दौरान ही 15 बहसों और 5 विशेष उल्लेख की चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी निभायी। उन्होंने स्वास्थ्य, सड़क परिवहन और रेलवे आदि से संबंधित 10 प्रश्न पूछे हैं। सदन में उनकी उपस्थिति 99 प्रतिशत रही है। अजय भट्‍ट सामाजिक जीवन में काफ़ी सक्रिय रहे हैं। भाजपा ने उनकी कार्यशैली और जनता से जुड़ाव को देखते हुए फिर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।


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