तो गौलापार में बनेगा उत्तराखंड हाईकोर्ट,वन भूमि हस्तांतरण कराने के लिए लिखा पत्र,आई एस बी टी की जमीन नहीं ली जाएगी

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एम सलीम खान ब्यूरो

उत्तराखंड उच्च न्यायालय अब हल्द्वानी चौलसा बेलबसानी में नहीं बल्कि हल्द्वानी के गौलापार में ही निर्मित किया जाएगा, उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने चीफ सेक्रेटरी ला कैन एल आर उत्तराखंड शासन को चिट्ठी भेजकर गौलापार में भूमि ढूंढने के लिए कहा है, उच्च न्यायालय के लिए जू की 20.8 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी, इसका नये तौर से प्रस्ताव बनेगा, वहीं उच्च न्यायालय ने आवासीय परिसर के लिए भूमि ढूंढने को जिला अधिकारी राजस्व विभाग और वन विभाग को निर्देश दिए हैं,आई एस बी टी की भूमि पूर्व की भांति खाली रहेंगी।

यहां बता दें कि केंद्र सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्थानीय अधिकार समिति की बीती 24 जनवरी 2024 को हुई 84वी बैठक में फैसले पर विचार विमर्श किया गया, इसके तहत आर ईसी ने उच्च न्यायालय के स्थानांतरण के लिए 26.8 हेक्टेयर भूमि के प्रस्ताव को रद्द कर दिया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय के लिए ज़िले में बहुत भूमि ढूंढी,चौसला बेलबसानी में भी भूमि को चिन्हित किया गया लेकिन उच्च के न्यायधीशों ने इसे खारिज कर दिया, अब उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने चीफ सेक्रेटरी ला कैन एल आर उत्तराखंड शासन को खत भेजा है, इसमें गौलापार में उच्च न्यायालय के लिए 20.8 हेक्टेयर भूमि के लिए नये सिरे से प्रस्ताव बनाने को कहा गया है।

इस खत में कहा गया है कि राज्य सरकार नोडल एजेंसी से आग्रह किया जाएं कि वो जल्द से जल्द उच्च न्यायालय परिसर के लिए गौलापार हल्द्वानी में 20.8 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया फिर से आरंभ करें और भूमि की व्यवहार्यता सुनिश्चित करें, हाईकोर्ट की स्थापना के लिए मा वरिष्ठ न्यायालय के निर्माण में जिला मजिस्ट्रेट चीफ सेक्रेटरी वन एवं राजस्व को करने के लिए कहा।

वहीं चिठ्ठी में शासन ने इस मामले में कार्रवाई की गति तेज कर दी है,अब लोक निर्माण विभाग ने उच्च न्यायालय काम्प्लेक्स, प्रशासनिक भवन रजिस्ट्रार जनरल भवन सहित अन्य के लिए 20.8 हेक्टेयर वन भूमि का प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही शुरू कर दी है, इसके लिए गौलापार स्थित जू की भूमि ली जाएगी,आई एस बी टी के पहले आवंटित भूमि इस बार अधिग्रहित नहीं की जाएगी, वहीं आवासीय परिसर के लिए 11 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था की जाएगी, इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने राजस्व भूमि की खोजबीन शुरू कर दी है।

गौलापार में बन सकता है आई एस बी टी

इस मर्तबा सरकार ने आई एस बी टी की भूमि लेने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है, जिसकी वजह से यह भूमि आई एस बी टी के पुनः मिल सकती है, गौलापार में आई एस बी टी के निमार्ण से सरकार को नया मार्ग नहीं बनेगा होगा और शहर को जाम से निजात मिल जाएगी, गौलापार तक जाने के लिए एन एच ए आईं एक पुल नयी सड़क और काठगोदाम से भीमताल के संपर्क को जोड़ने वाले रास्ते पर एक टनल बनाने का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।


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