
देहरादून – उत्तराखंड एसटीएफ ने देश भर में फैले नकली दवाओं के नेटवर्क को तोड़ने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसटीएफ की टीम ने बुधवार को पंजाब के जीरकपुर से नोबल फार्मेसी के मालिक पंकज शर्मा को गिरफ्तार किया। पंकज शर्मा मुख्य आरोपियों में से एक है, जो न सिर्फ ब्रांडेड कंपनियों की नकली जीवन रक्षक दवाएं बना रहा था, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में उनकी सप्लाई भी कर रहा था। एसटीएफ के मुताबिक, अब तक इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मास्टरमाइंड और सप्लायर भी शामिल हैं। गिरफ्तारियां उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में इस गिरोह की सक्रियता की ओर इशारा करती हैं। एसटीएफ ने इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मैनुअल पुलिसिंग, मुखबिरों से मिली जानकारी और तकनीकी जांच के जरिए एक सुनियोजित अभियान चलाया। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर के निर्देशन में काम कर रही टीम ने खुलासा किया कि आरोपी पंकज शर्मा नकली दवाओं को एंबुलेंस में भरकर दिल्ली, नोएडा, भिवाड़ी, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान के मेडिकल स्टोर तक पहुंचाता था, ताकि वह सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बच सके। इन दवाओं पर टैक्स न चुकाकर वह मोटा मुनाफा कमा रहा था। यह मामला जून में शुरू हुआ था जब संतोष कुमार नामक एक आरोपी को भारी मात्रा में नकली रैपर, डिब्बे और क्यूआर कोड के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जांच एसटीएफ को सौंप दी गई और अब तक चार अन्य गिरफ्तारियां हो चुकी हैं- नवीन बंसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता और अब पंकज शर्मा। पूछताछ में पंकज शर्मा ने स्वीकार किया कि वह राजस्थान के नवीन बंसल और अन्य लोगों से नकली दवाएं खरीदता था और उन्हें अपने मेडिकल स्टोर पर बेचने के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी सप्लाई करता था। जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों और कंपनियों की तलाश में जुट गई हैं। उत्तराखंड एसटीएफ का कहना है कि नकली दवाओं का यह कारोबार न केवल आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि इससे सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान होता है। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर इस पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने का अभियान जारी रहेगा।

