ऊधम सिंह नगर – (एम सलीम खान ब्यूरो) जनपद के बाजपुर क्षेत्र में दो मस्जिदों में किए जा रहे निर्माण कार्यों को प्राशासनिक अमले ने रुकवा दिया, प्राशासनिक अफसरों ने इस जमीन के स्वामी को दस्तावेज दिखाने को कहा है, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश है कि बिना की डीएम की अनुमति के किसी भी तरह के धार्मिक स्थल का नव निर्माण या मरम्मत कार्य नहीं किया जा सकता है।
अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि बाजपुर तहसील के सुल्तानपुर पट्टी में मदीना मस्जिद व नूरी मस्जिद में नये निर्माण कार्य को कराया जा रहा था, मामले की सूचना मिलने पर प्राशासनिक अफसरों ने काम को रुकवा दिया मस्जिद से संबंधित दस्तावेज जाने को मस्जिद के इमाम से कहा तो उन्होंने कहा कि हमारे अधिवक्ता आपको दस्तावेज दिखाएंगे।
इस पर तहसीलदार अक्षय भट्ट ने तब तक निर्माण कार्य को रुकवा के आदेश दिए हैं, बाजपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेश चौहान ने जानकारी देते हुए कहा मस्जिद कमेटी को निर्देश दिया गया है वह निर्माण कार्य नहीं करेंगे यादि ऐसा किया गया तो पुलिस मुकदमा दर्ज के लिए बाध्य होगी, एडीएम प्रशासन पंकज उपाध्याय ने बताया कि ये मस्जिद उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हुए क्षेत्र में हैं, उन्होंने बताया कि ये सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाई गई है सुल्तानपुर पट्टी में मदीना मस्जिद कमेटी आदर्श मोहल्ले में संचालित है।
मदीना मस्जिद कमेटी को यह जमीन अकबरी बेगम पत्नी अब्दुल कादिर जो काशीपुर की रहने वाली है उन्होंने वसीयत की थी, मौजूदा समय में इस जमीन पर मदीना मस्जिद के नाम दर्ज नहीं है,, इस जमीन को उत्तराखंड वफ्फ बोर्ड देहरादून द्वारा मदीना मस्जिद को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने के निर्देश दिया गया था, लेकिन कमेटी ने यह जमीन राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं कराई, इस जमीन पर मदीना मस्जिद कमेटी द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
जिससे मौजूदा निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया है, उसे मजहबी प्रयोग न किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, एडीएम प्रशासन पंकज उपाध्याय ने बताया कि नूरी मस्जिद आदर्श मोहल्ले नगर सुल्तानपुर पट्टी में संचालित है, नूरी मस्जिद के अध्यक्ष और सचिव द्वारा मस्जिद से संबंधित अपंजीकृत दानमा और अप्रामाणित खतौनी उपलब्ध कराई गई है, इसके अतिरिक्त कमेटी के पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है।
उक्त मस्जिद में मजहबी कार्य शिक्षण कार्य लाउड का इस्तेमाल किया जा रहा है, नूरी मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष और सचिव को उक्त मस्जिद में किसी भी तरह के कोई धार्मिक शिक्षण कार्य लाउड स्पीकर का इस्तेमाल न करने किए जाने के निर्देशित किया गया है और इस मामले में पुलिस से सतकर्ता बरतनें के निर्देश दिए गए हैं।