आशियाने उजड़े जाने का सदमा कड धूप में आठवें दिन भी धरना जारी आखिर कौन सा हकीम सुनेगा इनकी फ़रियाद

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एम सलीम खान ब्यूरो प्रमुख ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड

रुद्रपुर – बुजुर्गों से एक बात हमेशा सुनी थी कि किसी चिड़िया का घर भी उजड़ जाए तो वह बरसों सदमे में रहती हैं, लेकिन भगवानपुर में दो दर्जनों परिवारों को बेघर कर दिया उनसे सर छुपाने के आसरे को जमीनों जद कर दिया गया, हालांकि यह सब प्रशासन ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद किया।

लेकिन यहां सत्ता में बैठे उच्च स्तरीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के कंधे पर एक ओर बड़ी जिम्मेदारी यह निर्भर है कि जिन परिवारों को उजड़ा गया है उन्हें सर छुपाने के लिए दो गज जमीन भी उपलब्ध कराई जाएं, इसी मांग को लेकर यह पीड़ित परिवार पिछले एक सप्ताह से धरना दे रहे हैं, लेकिन मजाल है कि कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी इनके ज़ख्मों पर मरहम लगाने की हिम्मत करें।

इस मामले में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जरुरी इनके कंधे से कंधा मिलाकर इनकी आवाज को बुलंद करने में अपना सहयोग दिया है,यह बताते चलें कि जिले के मुखिया उदयराज सिंह ने इन पीड़ित परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया जिसके बाद कुछ हद तक इन परिवारों को राहत मिली थी,यह बताते चलें कि जिले के जिलाधिकारी उदयराज सिंह से इन पीड़ित परिवारों को बड़ी उम्मीदें हैं,उनका कहना था कि भगवानपुर से हटाएं गए पीड़ित परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत सर छुपाने के मकान उपलब्ध कराएं जाएंगे।

हम अपने चैनल के जरिए जिलाअधिकारी उदयराज सिंह से गुजारिश करते हैं कि वहां इस मामले में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए पीड़ित परिवारों को मकान मुहैया कराने में गंभीरता दिखाएं ताकि सड़कों पर जीवन बसर कर रहे इन लोगों को राहत मिले साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी कर्बध अनुरोध है कि आप भी अपने स्तर से इस गंभीर समस्या को गंभीरता लेते जिला प्रशासन को इनके पुनः विस्थापन के संबंध में दिशा-निर्देश देने की कृपा करें।


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