तीन मासूम बच्चियों को है एक महीने से कर अपनी मां का इंतजार और मां लड़ रही जिंदगी और मौत की लड़ाई – पढ़ें यह खबर

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रुद्रपुर – (एम सलीम खान ब्यूरो) एक महीने से तीन महिलाएं रुद्रपुर के जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड रही है,यह तीन महिलाएं और कोई ओर नहीं बल्कि डोल्फिन कंपनी की तीन श्रमिक महिलाएं हैं, जो पिछले एक महीने से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड रही है, मामला बहुत छोटा सा है, अगर जिला प्रशासन चाहे तो चंद मिनटों में इस मामले को निपटा सकता है, लेकिन यहां हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन और श्रम विभाग इन तीन महिलाओं की जान लेने पर उतारू हो गया है।

इन तीन महिलाओं की जिद है कि जब तक इन्हें इनके मौलिक अधिकार नहीं मिल जाते यह अपना आमरण अनशन खत्म नहीं करेंगी,दर असल पंतनगर के सिडकुल में संचालित डोल्फिन कंपनी के प्रबंधक प्रिंस धवन ने इन मजदूरों पर अत्याचारों की सारी हदें पार कर दी, इन मजदूरों के साथ गुंडागर्दी के हर हथकंडे अपनाए गए, यहां तक कि इन मजदूरों के साथ डोल्फिन कंपनी के तथाकथित प्रबंधन प्रिंस धवन ने अपने गुर्गों से मारपीट तक कराईं, जिसके बाद मजदूरों ने प्रिंस धवन के जुल्मों से निजात पाने के लिए और कंपनी में श्रम कानूनों को लागू करने की मांग को शहर के गांधी पार्क में आमरण अनशन शुरू कर दिया।

इस आमरण अनशन पर पिंकी गंगवार सहित तीन अन्य महिलाओं ने आंदोलन शुरू किया, आमरण अनशन के दौरान पिंकी गंगवार सहित अन्य महिलाओं की हालत बिगड़ी तो प्रशासन ने अनन फनन में इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन देश की नारी शक्ति को कमजोर समझने वाले प्रशासन और कंपनी के प्रबंधक प्रिंस धवन के मुंह पर इन तीन महिलाओं ने जोरदार तमाचा उस मारा जब अस्पताल में भी इन महिलाओं के हौसले डगमागाए नहीं और इन्होंने अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी आमरण अनशन जारी रखा,यह हैरान कर देने वाली बात यह कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद में महिलाओं के साथ हो रहे जुल्मों को लेकर प्रशासन और सरकार जरा भी गंभीर नहीं है।

बल्कि सरकार और प्रशासन इन मजदूरों को अपने अंहकार की भेंट चढाना चाहती है,यह बताते चलें कि सूबे में श्रम विभाग खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अधीन है और सीएम धामी अगर इस मामले को गंभीरता से लेते हैं तो यहां मामला महज़ चंद मिनटों में निपट सकता है, वहीं दूसरी तरफ रुद्रपुर के शहर विधायक शिव अरोरा भी भाजपा से ही है लेकिन उन्होंने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है बल्कि तमाम मीडिया चैनल पर प्रसारित होने वाली खबरों से विधायक शिव अरोरा अच्छी तरह वाकिफ हैं लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने इस मामले पर हथियार डाल दिए हैं, यहां तक कि नैनीताल ऊधम सिंह नगर के सांसद अजय भट्ट भी भाजपा से संबंधित है और इस दौरान वो बहुत सी बार ऊधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय रुद्रपुर आ चुके हैं लेकिन उन्होंने इन मजदूरों को गंभीरता से नहीं लिया बल्कि अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वो अक्सर रुद्रपुर आते रहते हैं, सवाल यह है कि आखिर क्यों भाजपा सरकार के जनप्रतिनिधियों ने इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है।

हमने सोचा था मम्मी जल्दी घर आ जाएगी

पिंकी गंगवार की तीन मासूम बच्चियों ने एक जिम्मेदार मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में जो कुछ कहा उसे सुनकर शायद आप के दिल में भी एक बड़ी हलचल मच जाएगी, और उनकी आंखों से बहते आंसू आपकों झकझोर कर रख देंगे, पिंकी गंगवार की मासूम बच्चियों का कहना है कि हमारी मम्मी पिछले एक महीने से भूख हड़ताल पर बैठीं है, हमने सोचा था कि सरकार और प्रशासन सहित विधायक शिव अरोरा हमारी मम्मी को जल्दी न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभानेवाले है, लेकिन आज हमारी मम्मी अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड रही है, हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारी मम्मी मौत की दहलीज तक पहुंच जाएगी, लेकिन विधायक शिव अरोरा और सांसद अजय भट्ट सहित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हमारी मम्मी को मारना चाहते हैं इसलिए वे डोल्फिन कंपनी के प्रबंधक प्रिंस धवन को नसीहत नहीं दे रहे हैं।

विधायक और सांसद सहित प्रशासन महिलाओं की जान के दुश्मन बन बैठे हैं – पिकी गंगवार के पति

इस पूरे मामले पर आमरण अनशनकारी पिंकी गंगवार के पति ने जो कुछ कहा वे भी हृदयविदारक है उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी अपने और मजदूरों के अधिकारों के लिए जिंदगी और मौत की लड़ाई लड रही है और मैं उसके हौसले को सलाम करता हूं, मेरी पत्नी जो लड़ाई लड रही है वो किसी एक व्यक्ति की नहीं है बल्कि बहुत से मेहनत कश लोगों के मौलिक अधिकारों की है, मैं तो यह कहता हूं ईश्वर मेरी पत्नी को और शक्ति प्रदान करें और महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाले सत्ता पक्ष के लोगों को ओर ज़ुल्म करने की शक्ति प्रदान करें उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे आज आज अपनी मां की कमी को महसूस कर रहे हैं और रात दिन आंसू बहा रहे हैं, मैं तो विधायक शिव अरोरा जी बधाई देते हूं जिन्होंने मेरी तीन बच्चियों को अपने मां से दूर करने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन मेरी मासूम बच्चियों की आंखों के आंसू बहुत लोगों को ले डूबेंगे।


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