
रूद्रपुर – मा0 अध्यक्ष उत्तराखण्ड गौ-सेवा आयोग डॉ0 पं0 राजेन्द्र प्रसाद अणथ्वाल ने विकास भवन सभागार में जनपद के निराश्रित गो कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि जो गोवंश को आवारा छोड़ते है तो उनके खिलाफ अर्थदण्ड लगायें इसके लिए नगर निकाय अर्थदण्ड का निर्धारण करें। उन्होने कहा कि पशु स्वामी पशुओं का पंजीकरण अवश्य करवायें ताकि पशु बीमा योजना व अन्य योजनाओं का लाभ ले सकें।
अध्यक्ष ने गौशालाओं का निर्माण सुरक्षित स्थानों पर बनायें तथा गौशालाओं में पर्याप्त भूसा स्टोर अवश्य बनाया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी गोवंश निराश्रित न रहें। इसलिए गौ सरंक्षक के लिए प्राथमिकता से संवेदनशील होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि रा़ित्र में पशुओं की सड़क दुर्घटना संम्भावना अधिक होती है इसलिये गौवंश दुर्घटनाओं से बचाव हेतु उनके गले में रेडियम रिफलेक्टर कॉलर लगाने का सुझाव दिया इससे गौवंश के साथ ही मनुष्य की भी जान बचेगी।
अध्यक्ष ने कहा कि जनपद ऊधम सिंह नगर में गौवंशों की दुर्घटना व गोकसी के प्रकरण सामने आ रहे है। उन्होंने कहा कि जनपद उत्तर प्रदेश की सीमाओं से लगा है इसलिये पुलिस व प्रशासन सीमाओं पर पैनी नजर रखें व बार्डर ऐरिया में लोगों का सत्यापन भी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पुलिस गौसेवकों के प्रति सकरात्मक नजरिया रखें व गौवंश अपराध रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी गौशाला संचालकों से पशुओं की टैगिंग करने एवं उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड में अपलोड करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी निकायों को हाइड्रोलिक एनिमल लिफ्टिंग वैन शीघ्र खरीदने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बार्डर ऐरिया पर पशु मेला लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश भी दिये साथ ही मांस की सेम्पलिंग भी कराने के निर्देश दिये।
अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी व्यक्ति/एनजीओ अपनी भूमि पर गौशाला निर्माण करता है तो वह अपनी 40 प्रतिशत धनराशि ही लगायेगा एवं 60 प्रतिशत धनराशि सरकार देगी।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ड0 आशुतोष जोशी ने बताया कि जनपद में लगभग 08 हजार गौवश चिन्हित है तथा 05 गौशालाएं संचालित है। जिसमें श्री राधे कृष्ण गौसदन ट्रस्ट बाजपुर में 1204, श्री गौलोक धाम कनकपुर में 171, श्री कृष्ण प्रणामी महराजा अग्रसेन गौशाला ट्रस्ट सितारगंज में 476, मॉं कामधेनु वात्सल्य सेवा धाम ट्रस्ट खटीमा में 234 तथा श्री राधे कृष्ण गौसदन ट्रस्ट में 221 गौवंश शरणागत है। उन्होंने बताया कि स्थानीय निकायों द्वारा 08 गौशाला प्रस्तावित की गई है। जिसमें नगर निगम रूद्रपुर में लंबाखेड़ा, नगर निगम काशीपुर में कचनाल गुसांई, नगर पंचायत मंे महुआ डाबरा, नगर पालिका गदरपुर में बरीराई, जिला पंचायत द्वारा बाजपुर में गुलजारपुर, खटीमा में हल्दीघेरा, नगर निकाय सितारगंज के अंतर्गत खुनसरा में तथा नगर निकाय किच्छा के अंतर्गत भूमि हस्तांतरण प्रकियाधीन प्रस्तावित है। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा लंबाखेड़ा गौशाला हेतु 1.50 करोड़, सितारगंज खुनसरा हेतु 1.50 करोड़ व खटीमा हल्दीघेरा हेतु 3.00 करोड़ की धनराशि जिला माइनिंग फंड से उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि गौ सदनों में गौवंश की टैगिंग कर उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड पर अपलोडिग की जा रही है।
गौसदन संचालकों द्वारा शरणगत गौवंशों के औसत संख्या के सापेक्ष यथाशीघ्र भरण पोषण धनराशि आवंटन करने, गौसदन शरण क्षमता का निर्धारण कर गौसदनों में साईन बोर्ड लगाने, उरेडा के माध्यम से गौसदनों में सोलर रूफटॉप संयत्रों को स्थपति करने, गोबर गैस बिजली उत्पादन संयत्र स्थापति करने, पशु कल्याण बोर्ड का पुर्नगठन कर गौसदन प्रतिनिधियों को प्रतिनिधि बनाने, गौशाला में सेवारत कार्मिकों हेतु स्वास्थ्य बीमा एवं दुर्घटना बीमा की सुविधा, शिशु गौवंश के कानों में टैग न किये जाने की नीति बनाने व पंतनगर विश्वविद्यालय में दुर्घटनाग्रस्त घायल, रोगी गौवंश की आधुनिक चिकित्सा हेतु इन्फर्मरी की स्थापना करने का अनुरोध किया।
बैठक में गौसेवा आयोग के सदस्य अश्वनी, नगर आयुक्त नरेश चंन्द्र दुर्गापाल, ड0 टी0पी0 यादव, ड0 एम0के0 शर्मा, ड0 कोमल सिंह, ड0 पी0के0 पाठक, ड0 संजीव पंत, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गणेश भट्ट, एसएचओ मनोज रातूरी, गौसदन प्रतिनिधि जगदीश गोयल, सुनील गर्ग, संदीप बंसल आदि मौजूद थे सभी उपजिलधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, निकाय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुडें थे।

